क्या सपा ने ‘जनसुरक्षा विधेयक’ का विरोध कर एक साजिश का पर्दाफाश किया?

Click to start listening
क्या सपा ने ‘जनसुरक्षा विधेयक’ का विरोध कर एक साजिश का पर्दाफाश किया?

सारांश

महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने ‘जनसुरक्षा विधेयक’ का विरोध किया। उन्होंने इसे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताया और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। उनका कहना है कि यह बिल जनता की आवाज को दबाने की साजिश है।

Key Takeaways

  • जनसुरक्षा विधेयक के खिलाफ समाजवादी पार्टी का विरोध
  • अबू आजमी ने इसे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताया
  • सरकार से विधेयक वापस लेने की मांग
  • जनता की आवाज दबाने का आरोप
  • उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के चुनावों का संदर्भ

मुंबई, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र चालू है। इस दौरान, समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने गुरुवार को विधानसभा में ‘जनसुरक्षा विधेयक’ के खिलाफ बैनर लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने इस बिल को संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। बैनर पर लिखा था 'जनसुरक्षा विधेयक संविधान और लोकतंत्र विरोधी है, इसे वापस लो।'

अबू आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रदर्शन का वीडियो साझा करते हुए लिखा, "नक्सलवाद के नाम पर लाया जा रहा 'जनसुरक्षा बिल'। वास्तव में, सरकार की कोशिश है कि वह जनता की आवाज को कुचल सके। डॉ. राममनोहर लोहिया ने कहा था, 'जब सड़कें सुनसान हो जाती हैं, तब संसद आवारा हो जाती है।' यह बिल सरकार को जनता के विरोध का अधिकार छीनने का औजार बना सकता है।"

महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेश किए जा रहे ‘जनसुरक्षा विधेयक’ पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "देश में पहले से ही ऐसे कानून हैं, जिनके तहत मौत और उम्रकैद की सजा दी जा सकती है। देश 1947 में आजाद हुआ था और संविधान 1950 में बना था। क्या उस समय संविधान निर्माताओं ने इन मुद्दों पर विचार नहीं किया था? अब अचानक उन्हें इसकी याद आ रही है। यह सब नक्सलियों पर नियंत्रण के नाम पर किया जा रहा है। मेरा मानना है कि यह बिल असल में उन लोगों की आवाज दबाने के लिए है, जो सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरते हैं।"

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के 'स्थानीय निकाय चुनावों के लिए भाजपा गठबंधन की जरूरत नहीं है' वाले बयान पर अबू आजमी ने कहा, "शुरुआत से ही सब एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं। अगर विधानसभा में सबने एक-दूसरे के लिए काम किया होता और सीटों का बंटवारा सही तरीके से हुआ होता, तो आज यह स्थिति पैदा नहीं होती।"

उन्होंने उत्तर प्रदेश का उल्लेख करते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में जिस तरह से चुनाव लड़ा गया, उसका फायदा दोनों पार्टियों को मिला है। सिर्फ अपनी पार्टी को बढ़ाने और सीटों पर अड़े रहने से नुकसान होता है।"

Point of View

जिसमें जनता के अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा की बात की गई है। यह समय की जरूरत है कि सरकार इन चिंताओं को गंभीरता से ले और संविधान के मूलभूत सिद्धांतों का सम्मान करे।
NationPress
22/07/2025

Frequently Asked Questions

जनसुरक्षा विधेयक क्या है?
जनसुरक्षा विधेयक एक नया कानून है जिसे सरकार ने जनता की सुरक्षा के नाम पर पेश किया है, लेकिन इसे संविधान के खिलाफ माना जा रहा है।
अबू आजमी ने इस बिल का विरोध क्यों किया?
अबू आजमी का मानना है कि यह बिल जनता की आवाज को दबाने वाला और नक्सलवाद के नाम पर लाया गया है।
इस विधेयक का क्या प्रभाव पड़ेगा?
यदि यह विधेयक लागू हुआ, तो यह विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का एक नया साधन बन सकता है।