क्या लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक से मुद्दों पर बनी सहमति?
सारांश
Key Takeaways
- सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने मुद्दों पर सहमति बनाई।
- 8 दिसंबर को 'वंदे मातरम्' की 150 वर्ष की सालगिरह पर चर्चा होगी।
- 9 दिसंबर को चुनाव सुधारों पर विस्तृत चर्चा निर्धारित की गई है।
- ओम बिड़ला ने संसद की कार्यवाही को सुचारू रखने की अपील की।
- बेवजह के गतिरोध से बचने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की विपक्ष की मांग को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
इस बैठक की अध्यक्षता लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने की, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के नेता उपस्थित रहे। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि लोकसभा में 8 दिसंबर, यानी सोमवार को ‘वंदे मातरम्’ की 150 वर्ष की सालगिरह पर एक विशेष चर्चा होगी। इसके अगले दिन 9 दिसंबर, यानी मंगलवार को चुनाव सुधारों पर पूरे दिन चर्चा की जाएगी। इस विषय पर चर्चा के लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है, और आवश्यकता पड़ने पर इसे और बढ़ाया भी जा सकता है।
सर्वदलीय बैठक में ओम बिड़ला ने कहा कि मैं सभी पार्टी नेताओं से एक बार फिर अपील करता हूं कि हम सब चाहते हैं कि संसद सुचारू रूप से चले। हर मुद्दे पर हर वह सदस्य जो बोलना चाहता है, उसे अवसर मिलना चाहिए। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आने वाले सांसदों के अपने-अपने मुद्दे होते हैं, उन्हें सदन में अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार के महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी अच्छी और विस्तृत चर्चा होनी चाहिए, और फिर वे पारित होकर देश के विकास में योगदान दें, यह हम सभी की जिम्मेदारी है। बेवजह का गतिरोध नहीं होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हमने पहले दिन से ही कहा कि सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन पिछले दो दिनों का जो नुकसान हुआ, उसका प्रमुख कारण यह था कि विपक्ष ने प्रश्नकाल के समय को लेकर दबाव बनाया। मैंने आज भी स्पष्ट किया है कि जब हम चर्चा के लिए तैयार हो जाते हैं, तब एक-दो दिन का समय का निर्धारण संसद के व्यवसाय और प्रक्रिया को ध्यान में रखकर करना पड़ता है।