क्या राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर 'लौह पुरुष' के योगदान को याद किया?

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क्या राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर 'लौह पुरुष' के योगदान को याद किया?

सारांश

सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। दोनों नेताओं ने एकजुटता और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनके योगदान की सराहना की। क्या आप जानते हैं कि सरदार पटेल की दूरदर्शिता ने कैसे भारत को एकजुट किया?

Key Takeaways

  • सरदार पटेल का योगदान राष्ट्रीय एकता में महत्वपूर्ण है।
  • उनके दृष्टिकोण ने भारत के विभिन्न रियासतों को एकजुट किया।
  • उनकी जयंती पर उनके आदर्शों को याद करने की आवश्यकता है।
  • राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने उनके योगदान की सराहना की।
  • सरदार पटेल ने एक सशक्त भारत की नींव रखी।

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर पूरे देश में 'लौह पुरुष' का स्मरण किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन सहित कई प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दिन देशवासियों से एकजुट होकर एक सशक्त, समरस और उत्कृष्ट भारत के निर्माण का संकल्प लेने की अपील की।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। सरदार पटेल एक महान देशभक्त, दूरदर्शी नेता और राष्ट्र-निर्माता थे, जिन्होंने अपने अटूट संकल्प, अदम्य साहस और कुशल नेतृत्व से देश के एकीकरण का ऐतिहासिक कार्य किया। उनकी कर्मनिष्ठा और राष्ट्रसेवा की भावना हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।"

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा, "सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती पर, मैं भारत के उस लौह पुरुष को नमन करता हूं, जिनके अटूट दृढ़ संकल्प और दूरदर्शिता ने एक विविध राष्ट्र को एक लोकतांत्रिक गणराज्य में एकीकृत किया। राष्ट्र निर्माण, रियासतों के एकीकरण और राष्ट्रीय एकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में उनका अमूल्य नेतृत्व प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।"

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, "सरदार पटेल की देशभक्ति, अनुशासन और दृढ़ संकल्प की विरासत भारत की प्रगति और लचीलेपन का मार्गदर्शन करती रहती है। आइए, हम एकता और अखंडता के उनके आदर्शों को बनाए रखने के लिए फिर से प्रतिबद्ध हों।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "राष्ट्रीय एकता, अखंडता और किसानों के सशक्तीकरण के प्रतीक लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी का उनकी जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से वंदन करता हूं। सरदार साहब ने रियासतों का एकीकरण कर देश की एकता और सुरक्षा को सुदृढ़ बनाया और किसानों, पिछड़ों और वंचितों को सहकारिता से जोड़कर देश को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया।"

उन्होंने आगे लिखा, "उनका दृढ़ विश्वास था कि देश के विकास की धुरी किसानों की समृद्धि में निहित है। वे आजीवन किसानों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित रहे। सरदार साहब ने जिस न्यायप्रधान और एकता के सूत्र में बंधे राष्ट्र का निर्माण किया, उसकी रक्षा करना हर एक राष्ट्रभक्त का दायित्व है।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने अपने संदेश में कहा, "भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि, जिसे 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने न सिर्फ अलग-अलग क्षेत्रों को, बल्कि भारत की आत्मा को भी एकजुट किया और हमारी राष्ट्रीय एकता और शक्ति की नींव रखी। उनकी दूरदर्शिता और राष्ट्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता हमें एक मजबूत, अधिक एकजुट और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करती रहती है।"

Point of View

बल्कि देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में भी अद्वितीय है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व का पालन करना आज की आवश्यकता है। उनके आदर्शों को अपनाकर हम एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

सरदार पटेल को 'लौह पुरुष' क्यों कहा जाता है?
सरदार पटेल को 'लौह पुरुष' इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के विभाजन के बाद विभिन्न रियासतों को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सरदार पटेल की 150वीं जयंती कब मनाई जाती है?
सरदार पटेल की 150वीं जयंती 31 अक्टूबर 2023 को मनाई गई।
सरदार पटेल का मुख्य योगदान क्या था?
सरदार पटेल का मुख्य योगदान भारत के एकीकरण और राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में था।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने किस प्रकार सरदार पटेल को याद किया?
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान की सराहना की।
सरदार पटेल के विचार आज के समय में कैसे प्रासंगिक हैं?
सरदार पटेल के विचार आज भी एकता, अखंडता और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरक हैं।