क्या बंगले का मोह नहीं है, सरकार की नीयत पर सवाल है? : राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी
सारांश
Key Takeaways
- राबड़ी देवी के सरकारी आवास को खाली करने का मामला विवादित है।
- राजद प्रवक्ता ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं।
- राजनीति में व्यक्तिगत दुश्मनी का खेल चल रहा है।
- रेल किराए में बढ़ोतरी से यात्रियों पर बोझ बढ़ा है।
पटना, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास को खाली करने के विषय पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने एनडीए सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि बंगले का मोह नहीं है, बल्कि जिस प्रकार से अपमानित करने का प्रयास किया जा रहा है, वह उचित नहीं है।
पटना में राष्ट्र प्रेस से वार्ता करते हुए राजद प्रवक्ता ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। सरकार ने आदेश जारी किया है, लेकिन उसका उद्देश्य अपमानित करना प्रतीत होता है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, जो विधान परिषद में विपक्ष की नेता हैं, इस बदले की भावना के तहत हो रही कार्रवाई को जनता देख रही है।
उन्होंने आगे कहा कि बंगले के प्रति मोह नहीं है, लेकिन सरकार की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार राबड़ी देवी के आवास की जासूसी करवा रही है। यह सभी खबरें प्रसारित की जा रही हैं। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि हमें यह समझ में नहीं आता कि व्यक्तिगत राजनीति में दुश्मनी क्यों निभाई जाती है। दोनों पूर्व मुख्यमंत्री हैं और सुरक्षा के दृष्टिकोण से वह आवास आवश्यक है। लालू यादव और राबड़ी देवी उस घर में लंबे समय तक रहे हैं। एक घर के लिए कोई पर्वत नहीं टूटेगा। मुझे नीतीश कुमार से ऐसी उम्मीद नहीं थी।
जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि उन्हें किसी सरकारी घर की आवश्यकता नहीं है। उनके पास बेनामी संपत्तियाँ हैं और वे बिहार के सबसे अमीर परिवारों में से एक हैं। वे कहीं भी रह सकते हैं और सरकारी आवास को लेकर चिंता नहीं होनी चाहिए।
रेल किराए में बढ़ोतरी के संबंध में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकार ने किराया बढ़ाकर रेल यात्रियों पर बोझ डाल दिया है। सुविधाओं के नाम पर सरकार सेवाएं कम कर रही है। जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब किराया कभी नहीं बढ़ा था और ट्रेनों में अच्छी सुविधाएं थी।