क्या सरकार ने दो साल में 'पारदर्शी और जवाबदेही' का मॉडल स्थापित किया? : अरुण चतुर्वेदी
सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान सरकार ने पारदर्शिता का मॉडल स्थापित किया है।
- 70 प्रतिशत संकल्प पूरे कर लिए गए हैं।
- किसानों की बिजली समस्या का समाधान किया गया है।
- कानून व्यवस्था में सुधार आया है।
- कांग्रेस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है।
जयपुर, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने अपने दो वर्षों का कार्यकाल पूरा किया है। इस अवसर पर राजस्थान वित्त आयोग के अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने सरकार की उपलब्धियों की सराहना की।
अरुण चतुर्वेदी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ने इन दो वर्षों में 'पारदर्शी और जवाबदेही' का एक प्रभावी मॉडल स्थापित किया है। उन्होंने बताया, "भाजपा की सरकार ने जो संकल्प लिए थे, उनमें से लगभग ७० प्रतिशत को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा चुका है। कांग्रेस के पिछले शासन में पानी, बिजली और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब थी और परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं आम थीं। भाजपा सरकार ने इन मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है।"
उन्होंने आगे कहा कि लंबे समय से किसानों की बिजली की समस्या का समाधान किया गया है। अब २२ जिलों के किसानों को दिन में खेतों में सिंचाई के लिए बिजली मिलती है।
अरुण चतुर्वेदी ने कहा, "राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है, जिसका प्रमाण आंकड़े देते हैं। पेपर लीक की घटनाओं पर सरकार ने कठोर कार्रवाई की और सभी परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गईं। छात्रों के लिए परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक एक विशेष वर्षभर का कैलेंडर जारी किया गया है और इसे सख्ती से लागू किया गया है।"
उन्होंने कांग्रेस पर किसानों के विरोध प्रदर्शनों के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया। चतुर्वेदी ने कहा, "भाजपा सरकार के खिलाफ एक प्रेशर ग्रुप काम कर रहा है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है। ये लोग राजस्थान में भाजपा के खिलाफ सक्रिय हैं।"
दिल्ली में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में उन्होंने कहा, "राजस्थान में कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि यदि साधनों की व्यवस्था होती है तो ५० हजार कार्यकर्ता जुटाएंगे। इस पार्टी की वास्तविकता दिल्ली की रैली से स्पष्ट हो जाएगी।"