क्या सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण की 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी?

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क्या सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण की 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी?

सारांश

केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 5,532 करोड़ रुपए की सात नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से रोजगार बढ़ेगा और आयात में कमी आएगी। क्या यह कदम भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा?

Key Takeaways

  • इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण योजना के तहत 7 नई परियोजनाएं शुरू हो रही हैं।
  • इनसे रोजगार के अवसर मिलेंगे।
  • भारत का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात मजबूत होगा।
  • आयात पर निर्भरता कम होगी।
  • देश में इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों का उत्पादन बढ़ेगा।

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण योजना के तहत, सरकार ने 5,532 करोड़ रुपए की सात नई परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। इनमें से पाँच परियोजनाएं तमिलनाडु, एक मध्य प्रदेश और एक आंध्र प्रदेश में स्थापित की जाएंगी। इस योजना का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ावा देना और देश को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण केंद्र बनाना है।

इस योजना का मुख्य लक्ष्य एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करना है, ताकि देश और विदेश के निवेश को आकर्षित किया जा सके। इससे भारत में डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन यानी घरेलू मूल्य वृद्धि बढ़ेगी और भारत का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात वैश्विक बाजार में और मजबूत होगा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इन सात परियोजनाओं से लगभग 5,195 लोगों को रोजगार मिलेगा और इनसे कुल 44,406 करोड़ रुपए के उत्पादन की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से भारत में पहले से आयात किए जाने वाले कई महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों का निर्माण अब देश में ही किया जाएगा, जिससे आयात बिल में भारी कमी आएगी।

तमिलनाडु की कंपनी केन्स सर्किट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को चार बड़ी परियोजनाओं के लिए मंजूरी मिली है। मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) के लिए 104 करोड़ रुपए का निवेश होगा और इससे 4,300 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा। कैमरा मॉड्यूल सब-असेंबली के लिए 325 करोड़ रुपए का निवेश और 12,630 करोड़ रुपए का उत्पादन अनुमानित है। एचडीआई पीसीबी निर्माण के लिए 1,684 करोड़ रुपए का निवेश और 4,510 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा। लैमिनेट यूनिट में 1,167 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और 6,875 करोड़ रुपए का उत्पादन अनुमानित है।

तमिलनाडु की ही एसेंट सर्किट्स प्राइवेट लिमिटेड को मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) के लिए 991 करोड़ रुपए की परियोजना की मंजूरी मिली है, जिससे 7,847 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा।

मध्य प्रदेश में एसआरएफ लिमिटेड की परियोजना के तहत पॉलीप्रोपिलीन फिल्म का निर्माण होगा। इसके लिए 496 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और 1,311 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा। वहीं, आंध्र प्रदेश की सिरमा स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी की परियोजना में 765 करोड़ रुपए का निवेश होगा, जिससे 6,933 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा।

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन परियोजनाओं से भारत में पहली बार कैमरा मॉड्यूल बिना किसी विदेशी तकनीकी साझेदारी के तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मल्टीलेयर और एचडीआई पीसीबी के मामले में घरेलू मांग का करीब 20 प्रतिशत अब भारत में ही पूरा होगा। कैमरा मॉड्यूल की 15 प्रतिशत और लैमिनेट की 100 प्रतिशत घरेलू मांग भी अब देश में ही पूरी की जाएगी।

Point of View

मेरा मानना है कि यह कदम भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह न केवल रोजगार के अवसर पैदा करेगा, बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

यह परियोजनाएं कब शुरू होंगी?
यह परियोजनाएं जल्द ही शुरू होंगी, हालांकि सटीक तिथि का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है।
क्या ये परियोजनाएं सभी राज्यों में लागू होंगी?
नहीं, ये परियोजनाएं मुख्य रूप से तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में लागू होंगी।
इन परियोजनाओं से कितने लोगों को रोजगार मिलेगा?
इन सात परियोजनाओं से लगभग 5,195 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
क्या भारत में इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों का उत्पादन बढ़ेगा?
जी हां, इन परियोजनाओं का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ाना है।