क्या सरकार ने हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 5 वर्षों में 1,481 करोड़ रुपए वितरित किए?

Click to start listening
क्या सरकार ने हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 5 वर्षों में 1,481 करोड़ रुपए वितरित किए?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि भारत में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले 5 वर्षों में 1,481 करोड़ रुपए वितरित किए हैं? यह उद्योग 31.45 लाख कुटीर इकाइयों से भरा हुआ है, जो राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखता है।

Key Takeaways

  • सरकार ने पिछले 5 वर्षों में 1,516 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
  • हथकरघा श्रमिकों की संख्या 35,22,512 है।
  • यह उद्योग 31.45 लाख कुटीर इकाइयों से भरा हुआ है।
  • सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही हैं।
  • हथकरघा क्षेत्र असंगठित है और स्वरोजगार का अवसर प्रदान करता है।

नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। देश में 31.45 लाख से अधिक हथकरघा कुटीर इकाइयां सक्रिय हैं और सरकार ने पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए 1,516 करोड़ रुपए का आवंटन किया है और 1,480.71 करोड़ रुपए वितरित किए हैं।

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दी कि चौथी अखिल भारतीय हथकरघा जनगणना 2019-20 के अनुसार, देशभर में 31.45 लाख परिवार हैं, जिनमें 35.22 लाख हथकरघा बुनकर और संबंधित श्रमिक शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया, "इसका तात्पर्य है कि देश में 31.45 लाख हथकरघा कुटीर इकाइयां कार्यरत हैं।"

हथकरघा क्षेत्र असंगठित है, जिसमें सरकार बुनकरों/श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार नहीं देती। हथकरघा बुनकर या श्रमिक पारंपरिक कुशल गतिविधियों में संलग्न होते हैं, जो उन्हें स्वरोजगार का अवसर प्रदान करती हैं।

हालांकि, वस्त्र मंत्रालय देशभर में हथकरघा को बढ़ावा देने और बुनकरों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) और कच्चा माल आपूर्ति योजना (आरएमएसएस) लागू कर रहा है।

इन योजनाओं के अंतर्गत, योग्य हथकरघा एजेंसियों/बुनकरों को कच्चे माल, अपग्रेडेड करघों, सहायक उपकरणों, सोलर लाइटिंग यूनिट, कार्यशाला निर्माण, कौशल विकास, उत्पाद और डिजाइन विकास, तकनीकी सहायता, मार्केटिंग, बुनकरों की मुद्रा योजना के तहत रियायती ऋण, सामाजिक सुरक्षा, और गरीबी की स्थिति में पुरस्कार प्राप्त बुनकरों को भुगतान आदि के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एनएचडीपी और आरएमएसएस की योजनाओं के तहत, पिछले पांच वर्षों 2020-21 से 2024-25 के बीच 1,516 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया और 1,480.71 करोड़ रुपए वितरित किए गए।"

योजनाओं के निरंतरता या नई योजनाओं की तैयारी से पहले मौजूदा योजनाओं के प्रभाव अध्ययन का मूल्यांकन किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री सिंह ने राज्यसभा में कहा कि एनएचडीपी और आरएमएसएस को 2021-22 से 2025-26 के दौरान लागू करने का निर्णय किया गया था, जो पहले से मौजूद योजनाओं के तृतीय पक्ष प्रभाव मूल्यांकन के बाद लिया गया।

चौथी अखिल भारतीय हथकरघा जनगणना 2019-20 के अनुसार, देशभर में 35,22,512 हथकरघा श्रमिक हैं। इनमें से 9,75,733 पुरुष, 25,46,285 महिलाएं और 494 ट्रांसजेंडर श्रमिक शामिल हैं।

Point of View

यह कहना अनुचित नहीं होगा कि भारत का हथकरघा उद्योग न केवल आर्थिक दृष्टिकोन से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। सरकार द्वारा उठाए गए कदम इस क्षेत्र को सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं, बशर्ते इन योजनाओं का सही ढंग से कार्यान्वयन किया जाए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

सरकार ने हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कितनी धनराशि आवंटित की?
सरकार ने पिछले पांच वर्षों में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 1,516 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
हथकरघा श्रमिकों की कुल संख्या कितनी है?
चौथी अखिल भारतीय हथकरघा जनगणना 2019-20 के अनुसार, देशभर में 35,22,512 हथकरघा श्रमिक हैं।
एनएचडीपी और आरएमएसएस योजनाएं क्या हैं?
ये योजनाएं हथकरघा क्षेत्र के विकास और बुनकरों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही हैं।