क्या सावन के अंतिम दिन शिव भक्तों का उत्साह पूरे देश में देखने को मिला?

सारांश
Key Takeaways
- सावन का आखिरी सोमवार भगवान शिव की विशेष पूजा का दिन है।
- देशभर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं।
- भक्तों का उत्साह अद्भुत था, विशेषकर उत्तराखंड और महाराष्ट्र में।
- सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं।
- गणजेश्वर महादेव मंदिर में मनोकामना पूरी होने की मान्यता है।
हरिद्वार, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज सावन का आखिरी सोमवार है। देशभर के मंदिरों, देवालयों और शिवलिंगों पर भक्तों का उत्साह अद्भुत है। मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
सावन के अंतिम सोमवार के अवसर पर उत्तराखंड के शिवालयों में भारी भीड़ उमड़ी है। आधी रात से ही शिव मंदिरों में लंबी कतारें लगना शुरू हो गई थीं। हरिद्वार में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। कनखल में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा है, जहां मान्यता है कि आज भगवान शिव दक्ष नगरी कनखल से विदा होकर कैलाश लौटते हैं। इस दिन भक्त जलाभिषेक कर पुण्य की कामना करते हैं। कनखल के दक्ष मंदिर में तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी, जो भोलेनाथ को अगले सावन फिर से आमंत्रित करने के लिए आए थे। सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं।
चमोली में स्थित गणजेश्वर महादेव मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आए। यह पौराणिक मंदिर है, जहां भगवान शिव और पार्वती विराजमान हैं। यहां पर मनोकामना पूरी होने की मान्यता है। पूरे सावन यहां श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं।
महाराष्ट्र में भी शिव भक्तों का उत्साह देखने को मिला है। हिंगोली में भक्तों की लंबी कतारें शिव मंदिर में देखी गईं। यहां पर साक्षात शिव और विष्णु का वास माना जाता है। भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र और तुलसी अर्पित कर मंदिर की परिक्रमा करते हैं।
वसई और नालासोपारा क्षेत्र के कई शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। सुबह से ही भक्त भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं और विशेष पूजा-अर्चना में लीन हैं।
मंदिरों में हर हर महादेव के जयकारों और भक्ति संगीत से वातावरण भक्तिमय हो गया है। कई श्रद्धालु तड़के 5 बजे से ही मंदिरों की कतारों में लगे हुए थे, ताकि वे भोलेनाथ के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। भक्त जल, बेलपत्र, धतूरा और फल-फूल अर्पित कर अपने आराध्य शिव से मनोकामनाएं मांग रहे हैं।
गुजरात के अहमदाबाद में कोटेश्वर मंदिर भी भक्तों की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना है और सावन के अंतिम सोमवार पर यहां भक्तों की भीड़ होती है।
सोमनाथ मंदिर में भी शिव भक्तों की आस्था देखने को मिली। बाबा के दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी थीं, और हर हर महादेव की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय था।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में भी सुबह पट खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या देखी गई। सावन के अंतिम सोमवार पर भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी, जिसमें भगवान की रजत प्रतिमा आकर्षण का केंद्र होगी।
इसके अलावा पटना, चित्तौड़गढ़ और नोएडा में भी शिवालयों में भक्तों का उत्साह देखने को मिला, जहां मंदिरों के बाहर लंबी कतारें थीं।