क्या सावन मास की कामिका एकादशी पर दुर्लभ संयोग का निर्माण हो रहा है?

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क्या सावन मास की कामिका एकादशी पर दुर्लभ संयोग का निर्माण हो रहा है?

सारांश

सावन मास का पहला सोमवार 21 जुलाई को है। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की प्रिय कामिका एकादशी का संयोग बन रहा है। जानें इस खास दिन पर कैसे करें पूजा और पाएं विशेष आशीर्वाद।

Key Takeaways

  • सावन मास का पहला सोमवार 21 जुलाई को है।
  • कामिका एकादशी भगवान विष्णु के प्रति भक्ति का दिन है।
  • इस दिन पूजा से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
  • तुलसी के दर्शन से सभी पाप समाप्त होते हैं।
  • भगवान शिव और विष्णु की पूजा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।

नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सावन माह का पहला सोमवार 21 जुलाई को आ रहा है, जो धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है। इस दिन भगवान शिव को समर्पित सोमवार के साथ-साथ भगवान विष्णु की प्रिय कामिका एकादशी का अद्भुत संयोग भी बन रहा है। इस दुर्लभ अवसर पर कई शुभ योग भी बनते हैं, जो इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाते हैं।

दृक पंचांग के अनुसार, 21 जुलाई को सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि सुबह 09:38 तक रहेगी, इसके पश्चात द्वादशी तिथि प्रारंभ होगी। नक्षत्र रोहिणी रात 09:07 तक रहेगा, इसके बाद मृगशीर्षा नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। सूर्य कर्क राशि में रहेंगे और वृद्धि योग शाम 06:38 तक विद्यमान रहेगा। यह संयोग भगवान विष्णु और शिव की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर है।

महाभारत काल में स्वयं भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को कामिका एकादशी का महत्व बताया था। यह व्रत देवशयनी एकादशी के बाद पहली एकादशी होती है, जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से सुख-समृद्धि, पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ब्रह्माजी ने नारदजी को बताया था कि इस व्रत की कथा सुनने से महायज्ञ का फल मिलता है। इस दिन गंगा में स्नान का विशेष महत्व है।

कामिका एकादशी पर प्रात: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु को पंचामृत और जल से स्नान कराने के बाद चंदन, हल्दी लगाएं और फूल, तुलसी पत्र एवं भोग अर्पित करें। फिर दीप, धूप जलाकर कल्याण के लिए प्रार्थना करें और कथा सुनें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और एकादशी व्रत कथा सुनें। तुलसी के दर्शन और पूजन से सभी पाप समाप्त होते हैं। व्रत का पारण 22 जुलाई को सुबह 05:37 के बाद करें।

माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु के साथ-साथ महादेव की भी पूजा करें। इस दिन भोलेनाथ को दूध, जल, घी, शहद और जल से स्नान कराने के बाद इत्र, भस्म, जनेऊ, बेल पत्र, भांग, फूल और फल आदि चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए। इसके बाद कपूर से आरती करनी चाहिए।

धार्मिक मान्यता है कि यह व्रत करने से न केवल भगवान विष्णु और पितरों का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि बिगड़े कार्य भी बनने लगते हैं। इस दिन भक्ति भाव से किया गया भगवान नारायण का पूजन जीवन के कष्ट दूर करता है।

Point of View

बल्कि समाज में एकता और सद्भाव की भावना को भी बढ़ावा देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

कामिका एकादशी का महत्व क्या है?
कामिका एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और पापों से मुक्ति के लिए किया जाता है।
इस दिन पूजा का सही तरीका क्या है?
इस दिन प्रात: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, भगवान विष्णु का पंचामृत से स्नान कराएं और फूल, तुलसी पत्र अर्पित करें।
कामिका एकादशी पर क्या विशेष उपाय करें?
तुलसी के दर्शन और पूजन से सभी पाप समाप्त होते हैं और व्रत का पारण 22 जुलाई को सुबह 05:37 के बाद करना चाहिए।
इस दिन भगवान शिव की पूजा कैसे करें?
भगवान शिव को दूध, जल, घी, शहद से स्नान कराएं और इत्र, भस्म, बेल पत्र, फूल आदि चढ़ाएं।
क्या इस दिन स्नान का महत्व है?
इस दिन गंगा में स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।