भारत और भूटान के संबंध कैसे हैं?

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भारत और भूटान के संबंध कैसे हैं?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि भारत और भूटान के बीच व्यापारिक और आध्यात्मिक संबंध कितने गहरे हैं? इस लेख में जानें दोनों देशों के बीच सहयोग, समझौतों और व्यापारिक आंकड़ों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत और भूटान के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हैं।
  • भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
  • दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं।
  • भूटान में बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या अधिक है।
  • भूटान को भारत से कई महत्वपूर्ण वस्तुओं का निर्यात होता है।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और भूटान के बीच व्यापारिक, रणनीतिक और रक्षा का एक मजबूती से जुड़ा हुआ रिश्ता है। इसके अलावा, दोनों राष्ट्रों के बीच आस्था और विश्वास का भी एक गहरा संबंध है। भारत, भूटान का सबसे बड़ा साझेदार है जिसका कुल क्षेत्रफल 38,394 वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या करीब 8,33,415 है।

अध्यात्म की दृष्टि से भी भारत और भूटान का संबंध गहरा है। बौद्ध धर्म के अनुयायी बड़ी संख्या में भूटान में भगवान बुद्ध के धार्मिक स्थलों पर पहुँचते हैं। व्यापारिक संबंधों की बात करें तो 2007 की भारत-भूटान मैत्री संधि और 2016 के भारत-भूटान व्यापार, वाणिज्य एवं पारगमन समझौते ने इन संबंधों को और मजबूत किया है। इन समझौतों के माध्यम से दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार व्यवस्था स्थापित की गई। इसके साथ ही, भूटान को तीसरे देशों से आयातित वस्तुओं के लिए फ्री ट्रांजिट की सुविधा भी प्राप्त है।

भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है। भूटान के कुल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 2023 में 79.17 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 79.88 प्रतिशत हो गई।

जनवरी-दिसंबर 2024 में, भारत का भूटान के साथ द्विपक्षीय व्यापार 12,669 करोड़ रुपए का था। इसमें भूटान को भारत का निर्यात 9,538 करोड़ रुपए और भूटान से भारत का आयात 3,131 करोड़ रुपए था।

भारत ने भूटान को आवश्यक वस्तुओं के निर्यात पर किसी भी प्रकार के प्रतिबंध नहीं लगाए हैं। इसके अलावा, भूटान के निर्यात को सुगम बनाने के लिए कई व्यापारिक मार्गों को स्वीकृति दी गई है। हाल ही में, भूटान को विभिन्न उर्वरकों की आपूर्ति के लिए एक B2B (बिजनेस टू बिजनेस) समझौता हुआ है।

भारत और भूटान के बीच संपर्क को और बढ़ाना दोनों देशों की प्राथमिकता है। इसमें सीमा पार रेल संपर्क स्थापित करना, सड़क संपर्क को मज़बूत करना, एकीकृत चेक पोस्ट और व्यापार मार्ग स्थापित करना, नए आव्रजन बिंदु और डिजिटल संपर्क शामिल हैं।

रेलवे कनेक्टिविटी की दिशा में, 29 सितंबर को भारत और भूटान ने एक अंतर-सरकारी समझौता किया। इसके तहत दो रेल संपर्क, कोकराझार-गेलेफू (69 किमी) और बानरहाट-समत्से (20 किमी) तैयार किए जाएंगे। इसकी अनुमानित लागत 4,033.34 करोड़ रुपए है।

भारत ने भूटान में कुल 3,156 मेगावाट की पांच प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ विकसित की हैं, जिनमें 336 मेगावाट की चुखा जलविद्युत परियोजना, 60 मेगावाट की कुरिचु जलविद्युत परियोजना, 1,020 मेगावाट की ताला जलविद्युत परियोजना, 720 मेगावाट की मंगदेछु जलविद्युत परियोजना और हाल ही में (अगस्त 2025 में) पूरी हुई 1,020 मेगावाट की पुनात्सांगछु जलविद्युत परियोजना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, फिनटेक, रुपे कार्ड और भीम यूपीआई भी भारत-भूटान व्यापार साझेदारी को बढ़ावा दे रहे हैं।

भारत और भूटान के बीच एक विशेष आध्यात्मिक संबंध है। भूटान में बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म के अनुयायी रहते हैं। वहाँ से बड़ी संख्या में लोग भगवान बुद्ध के दर्शन हेतु भारत में बोधगया, राजगीर, नालंदा, सिक्किम, उदयगिरी, सारनाथ और अन्य बौद्ध स्थलों की ओर जाते हैं। इस प्रकार भारत और भूटान के बीच एक विशेष धार्मिक संबंध है।

भारत भूटान को पेट्रोलियम उत्पाद (डीजल, पेट्रोल), वाहन (कार), चावल, मशीनरी, सीमेंट, इस्पात, दवाइयाँ, और विभिन्न खाद्य पदार्थ (जैसे चीनी, सोयाबीन तेल, मसाले) तथा अन्य उपभोक्ता वस्तुएँ (जैसे मोबाइल फोन, अगरबत्ती, फर्नीचर) निर्यात करता है।

इसके अलावा, भारत भूटान से बिजली, लौह और इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर और प्राकृतिक उत्पाद जैसे इलायची, सुपारी और संतरे आयात करता है।

Point of View

NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और भूटान के बीच व्यापारिक संबंध कैसे हैं?
भारत और भूटान के बीच व्यापारिक संबंध गहरे और स्थिर हैं, जिसमें भारत की हिस्सेदारी 79.88 प्रतिशत है।
क्या भारत भूटान को किसी प्रकार की वस्तुओं पर रोक लगाता है?
नहीं, भारत ने भूटान को आवश्यक वस्तुओं के निर्यात पर कोई रोक नहीं लगाई है।
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