क्या सेनाध्यक्ष की भूटान यात्रा से रक्षा सहयोग को नए आयाम मिलेंगे?

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क्या सेनाध्यक्ष की भूटान यात्रा से रक्षा सहयोग को नए आयाम मिलेंगे?

सारांश

भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की भूटान यात्रा से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को नई दिशा मिलेगी। यह यात्रा भारत-भूटान के बीच गहरे संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इस यात्रा के पीछे की रणनीति और महत्व।

Key Takeaways

  • सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी का भूटान दौरा महत्वपूर्ण है।
  • यह यात्रा भारत-भूटान के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करेगी।
  • भूटान की रक्षा क्षमताओं में सुधार की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
  • भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति को आगे बढ़ाने का अवसर।
  • भूटान की रक्षा तैयारियों में मदद के लिए भारत का सहयोग।

नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सोमवार को भूटान की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए हैं। सेनाध्यक्ष का यह दौरा अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह यात्रा भारत और भूटान के बीच कई वर्षों से चले आ रहे गहरे और विश्वसनीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जनरल उपेंद्र द्विवेदी 2 जुलाई तक भूटान में रहेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना है। यह यात्रा भारत-भूटान के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी और पारस्परिक विश्वास को दर्शाती है। यह दौरा भारत की भूटान के प्रति प्रतिबद्धता को भी दोहराता है। सेना प्रमुख का यह दौरा दोनों राष्ट्रों के बीच परंपरागत मित्रता और सहयोग को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।

इस वर्ष, रॉयल भूटान सेना के मुख्य परिचालन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए थे। उनकी यात्रा के दौरान भारत ने भूटान को रक्षा तैयारियों में सहायता देने का आश्वासन दिया था। भारत द्वारा किए जाने वाले इस सहयोग की भूटान ने सराहना की है।

लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से महत्वपूर्ण मुलाकात की थी। इस बातचीत में भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय संबंधों और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई थी।

वार्ता के दौरान, रक्षा मंत्री ने अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार और भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति को विशेष महत्व दिया। भारत की इसी नीति के अनुसार, भूटान की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रक्षा उपकरणों और संपत्तियों के प्रावधान किए गए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग ने भारत सरकार के निरंतर सहयोग की सराहना की थी।

उन्होंने भूटान को उसकी आधुनिक रक्षा क्षमताओं और आरबीए के प्रशिक्षण को बढ़ाने में सहायता करने के लिए भारत का धन्यवाद दिया। उन्होंने क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए साझा दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में भारत के साथ कार्य करने की रॉयल भूटान आर्मी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी। भारतीय सेना प्रमुख के भूटान दौरे से दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

Point of View

यह कहना उचित है कि जनरल उपेंद्र द्विवेदी की भूटान यात्रा भारत और भूटान के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर है। यह न केवल सैन्य सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को भी सुनिश्चित करेगा।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

सेनाध्यक्ष की भूटान यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सेनाध्यक्ष की भूटान यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और भूटान के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करना है।
क्या इस यात्रा से भारत-भूटान के रिश्तों में सुधार होगा?
हां, यह यात्रा दोनों देशों के बीच परंपरागत मित्रता को और प्रगाढ़ बनाने में मदद करेगी।