क्या प्रदीप भंडारी ने तेजस्वी यादव पर तंज कसा, हार से कपार बचाने का रास्ता बॉयकॉट तो नहीं?

सारांश
Key Takeaways
- प्रदीप भंडारी का तेजस्वी यादव पर आरोप
- बॉयकॉट के मुद्दे पर उठे सवाल
- तेजस्वी का जवाब: जनता की राय महत्वपूर्ण
- बिहार की राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण
- सदन में विपक्ष की भूमिका पर चर्चा
नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला किया। उन्होंने पूछा कि क्या अब चुनाव के बॉयकॉट का रास्ता ढूंढा जा रहा है?
भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर तेजस्वी यादव का एक वीडियो साझा किया।
तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, "चेहरे पर घबराहट, माथे पर पसीना, जुबान पर लड़खड़ाहट, हाव-भाव में छटपटाहट। यह सब दर्शा रहा है कि जनता के बीच उनकी स्थिति कमजोर हो चुकी है। अब नब्बे का वह दौर भी समाप्त हो गया है कि बूथ लूट लिया जाए। क्या हार से अपना कपार बचाने का एक उपाय बॉयकॉट है?"
प्रदीप भंडारी द्वारा साझा किए गए वीडियो में तेजस्वी यादव ने चुनाव के बॉयकॉट के सवाल पर कहा, "हां, इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। हम देखेंगे कि जनता क्या चाहती है और सभी का क्या मत है।"
इससे पहले, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पहले मतदाता सरकार को चुनते थे, लेकिन अब सरकार मतदाता को चुन रही है।
तेजस्वी ने भाजपा नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने बयान दिया कि बिहार में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के वोटर्स हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया कि ऐसी कोई बात नहीं लिखी गई है।
जब तेजस्वी सदन में बोल रहे थे, तब उपमुख्यमंत्री ने कमेंट किए। उन्होंने कहा, "मैं तो अध्यक्ष की अनुमति से बोल रहा था। उपमुख्यमंत्री का बयान भी अमर्यादित है। सदन में यदि विपक्ष का नेता नहीं बोलेगा, तो और कौन बोलेगा? यदि प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे, तो उत्तर कौन देगा? विधानसभा में सदन के नेता और विपक्ष के नेता बोल रहे थे, तब उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा बीच में क्यों बोलें? हमें लगता है कि यदि सभी पार्टियों के नेता एसआईआर पर बोलते हैं, तो इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए।