क्या सावन का भौम प्रदोष: शिव संग हनुमान कृपा पाने का मंगलकारी योग है?

Click to start listening
क्या सावन का भौम प्रदोष: शिव संग हनुमान कृपा पाने का मंगलकारी योग है?

सारांश

सावन का भौम प्रदोष भगवान शिव और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन व्रत करने से जीवन की कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। जानें इस दिन की विशेषताएं और पूजा विधि।

Key Takeaways

  • भौम प्रदोष व्रत का महत्व
  • भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा विधि
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार
  • कर्ज और विवादों से मुक्ति
  • स्वास्थ्य लाभ

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहा जाता है। इस दिन आस्थावान भक्त महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं। इस दिन सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा सुबह 08 बजकर 15 मिनट से वृषभ राशि में होंगे, बाद में वे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।

पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12:55 तक रहेगा और राहुकाल दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस दिन द्वादशी मंगलवार की सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी, उसके बाद त्रयोदशी प्रारंभ होगी।

भौम प्रदोष व्रत उस तिथि को कहा जाता है जो मंगलवार को आती है और यह भगवान शिव के साथ-साथ मंगल ग्रह की शांति के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से कर्ज, भूमि विवाद, शत्रु बाधा और रक्त से जुड़ी बीमारियों से राहत मिलती है। शिव पुराण के अनुसार, यदि किसी की कोई इच्छा पूरी नहीं हो रही है, तो उन्हें इस व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए। इस व्रत के माध्यम से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

इसी के साथ, त्रयोदशी तिथि को मंगलवार पड़ रहा है। इस दिन बजरंग बली के साधक भी व्रत रखते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार को ही हनुमानजी का जन्म हुआ था। भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं। इसके लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और लाल रंग का वस्त्र पहनें। मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें और हनुमान भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। फिर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं।

शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी की आरती करें। व्रत में केवल एक बार भोजन करें और नमक का सेवन न करें। मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शक्ति और साहस में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। मान्यता है कि नियमपूर्वक बजरंगबली की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

Point of View

बल्कि यह विभिन्न समस्याओं से मुक्ति का भी मार्ग प्रशस्त करता है। यह दिन धार्मिक आस्था और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

भौम प्रदोष का महत्व क्या है?
भौम प्रदोष का महत्व भगवान शिव और मंगल ग्रह की शांति से जुड़ा है। इस दिन व्रत रखने से कई प्रकार की समस्याओं का समाधान होता है।
हनुमान जी की पूजा कैसे करें?
हनुमान जी की पूजा के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके लाल वस्त्र पहनें, पूजा स्थल को साफ करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कितने बार भोजन करना है व्रत में?
व्रत में केवल एक बार भोजन करना चाहिए और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।