क्या 'जीएसटी बचत उत्सव' पर सीमा मलिक का पलटवार सही है?

सारांश
Key Takeaways
- सीमा मलिक ने भाजपा पर महालूट का आरोप लगाया।
- जीएसटी में कटौती की मांग पर प्रधानमंत्री का चुप रहना सवालिया है।
- स्वदेशी की अपील का क्या अर्थ है जब खुद प्रधानमंत्री विदेशी सामान का उपयोग करते हैं?
नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एनसीपी शरद पवार गुट की राष्ट्रीय प्रवक्ता सीमा मलिक ने 'जीएसटी बचत उत्सव' को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह सवाल महत्वपूर्ण है कि क्या पहले भाजपा महालूट उत्सव मना रही थी।
सीमा मलिक ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीएसटी सुधार के साथ बचत उत्सव की शुरुआत के बयान की तीखी आलोचना की। उन्होंने सवाल उठाया कि जब विपक्ष लगातार जीएसटी में कटौती की मांग कर रहा था, तब प्रधानमंत्री ने एक बार भी नहीं सुना।
उन्हें कहा कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ बढ़ा दिए, तब यह समझा गया कि देश में पड़े उत्पाद खराब होंगे। इसके चलते जीएसटी की दरें कम की गईं। आज हर व्यक्ति इस बात को समझता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और शरद पवार जो कहते हैं, वही होता है। ऐसे में प्रधानमंत्री को राहुल गांधी को अपना सलाहकार बनाना चाहिए।
सीमा मलिक ने स्वदेशी अपनाने की अपील पर प्रधानमंत्री मोदी पर व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि एक ऐसा प्रधानमंत्री जिसकी पोशाक और खानपान दोनों ही स्वदेशी नहीं हैं, वह स्वदेशी अपनाने की बात कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वदेशी अपनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन वे सबसे ज्यादा विदेशी सामान का उपयोग करते हैं। वे एक तरफ स्वदेशी का प्रचार करते हैं, तो दूसरी तरफ चीन से करोड़ों का निर्यात भी कर रहे हैं। स्वदेशी की अपील हमारे महान नेताओं लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी ने की थी, और लोगों ने इसे अपनाया। सवाल यह है कि जब छोटी-छोटी चीजें विदेश से आयात हो रही हैं, तो स्वदेशी सामान को कैसे अपनाया जा सकता है।