क्या सेना के इंजीनियर्स के अमर योगदान को श्रद्धांजलि दी गई?
सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स का योगदान अद्वितीय है।
- 245वें कोर डे पर वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
- कोर की गौरवशाली परंपराएं और अनुशासन महत्वपूर्ण हैं।
- इनजीनियर्स ने कठिन परिस्थितियों में कार्य किया है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा में कोर की भूमिका महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स ने मंगलवार को 245वां कोर डे का आयोजन अत्यंत गरिमा और सम्मान के साथ किया। इस महत्वपूर्ण अवसर की शुरुआत मंगलवार को नेशनल वॉर मेमोरियल में आयोजित एक श्रद्धांजलि समारोह से हुई। इस समारोह में सेना के इंजीनियर-इन-चीफ, सेवारत अधिकारियों, सभी रैंकों और सैन्य वेटरन्स ने अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को नमन किया।
यह श्रद्धांजलि, कोर के अमर योगदान को विशेष रूप से उजागर करती है, जो राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा में महत्वपूर्ण है। समारोह में इंजीनियर-इन-चीफ ने कोर ऑफ इंजीनियर्स की गौरवशाली परंपराओं, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण में इसकी बहुआयामी भूमिका को याद किया। इंजीनियर्स द्वारा कठिनतम परिस्थितियों में पुल निर्माण, माइंस, आईडी क्लीयरेंस, ऑपरेशनल सपोर्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास जैसे कार्यों में निभाई गई भूमिका का उल्लेख किया गया।
भारतीय सेना की यह इकाई दुर्गम इलाकों में ब्रिज, पुल, संचार और सड़क मार्ग जैसी कई ढांचागत व आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराती है। इन सुविधाओं से सीमावर्ती क्षेत्रों, अग्रिम सैन्य चौकियों और दुर्गम स्थानों तक सैन्य रसद पहुंचाने में सहूलियत होती है। कोर ऑफ इंजीनियर्स के समर्पण को सम्मान देने के लिए मानेकशॉ सेंटर में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया, जहाँ तकनीकी दक्षता, पेशेवर उत्कृष्टता और खेलों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों, जवानों और विभिन्न यूनिटों को सम्मानित किया गया।
पुरस्कार प्राप्त करने वालों की उपलब्धियों ने कोर के उच्च मानकों, समर्पण और ‘सर्वोत्तम बनने’ की प्रेरणा को प्रदर्शित किया। इस अवसर पर उपस्थित सैन्य अधिकारियों ने कोर ऑफ इंजीनियर्स को भारतीय सेना का एक मजबूत स्तंभ बताया, यह कहते हुए कि देश की सुरक्षा, सामरिक मोर्चों पर इंजीनियरिंग सपोर्ट और राष्ट्रीय विकास परियोजनाओं में कोर की भूमिका अद्वितीय और महत्वपूर्ण है। 245वें कोर डे का उत्सव न केवल वीरों को श्रद्धांजलि था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उत्कृष्टता, साहस और सेवा भाव का संदेश भी देता है।