क्या शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने पीएम मोदी की मां पर की गई टिप्पणी को निंदनीय बताया?

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क्या शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने पीएम मोदी की मां पर की गई टिप्पणी को निंदनीय बताया?

सारांश

वाराणसी में 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान पीएम मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी के बाद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताते हुए सभी से नैतिकता और मातृ-सम्मान की अपील की। जानें इस विवाद की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • भारतीय संस्कृति में मातृ-सम्मान का महत्व है।
  • राजनीतिक मुद्दों को व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लाना चाहिए।
  • शंकराचार्य ने नैतिकता और सम्मान की भावना को बनाए रखने की अपील की।
  • ऐसी अभद्र टिप्पणियां समाज में नकारात्मकता फैलाती हैं।
  • सभी को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रयास करना चाहिए।

वाराणसी, २ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में आयोजित 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता के खिलाफ आरोपित अभद्र टिप्पणी का मामला गरमाता जा रहा है। मंगलवार को शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया।

शंकराचार्य ने कहा, "लोगों की बुद्धि में विकार आ गया है। सभी को गाय माता का दूध पीना चाहिए, ताकि उनकी बुद्धि शुद्ध हो और माताओं का अपमान बंद हो। किसी भी नेता को किसी की मां या पिता पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।"

उन्होंने जोर देकर कहा कि मां हर व्यक्ति के लिए पूजनीय होती है और सभी की मां का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने भारतीय संस्कृति का हवाला देते हुए कहा, "शास्त्रों में कहा गया है कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं। यही भारत की संस्कृति है।"

उन्होंने सलाह दी कि राजनीतिक लड़ाई व्यक्तिगत स्तर पर होनी चाहिए, न कि माता-पिता जैसे पवित्र रिश्तों को निशाना बनाकर। शंकराचार्य ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियां न केवल निंदनीय हैं, बल्कि समाज में नकारात्मकता फैलाती हैं। उन्होंने सभी से मातृ-सम्मान की भावना को बनाए रखने की अपील की।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री की माता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। इस मुद्दे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और विपक्षी दलों पर इस मामले में जवाबदेही की मांग उठ रही है। शंकराचार्य की टिप्पणी ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है, क्योंकि यह न केवल राजनीतिक बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से भी जुड़ा है।

उन्होंने समाज से अपील की कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी को मिलकर नैतिकता और सम्मान की भावना को बढ़ावा देना चाहिए। इस बीच, इस मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी तेज हो रही है।

Point of View

क्योंकि यह न केवल व्यक्तिगत सम्मान का प्रश्न है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का भी।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

शंकराचार्य ने किस मुद्दे पर टिप्पणी की?
शंकराचार्य ने 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान पीएम मोदी की माता पर की गई अभद्र टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने अपनी टिप्पणी में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि लोगों की बुद्धि में विकार आ गया है और मां का अपमान नहीं होना चाहिए।
क्या यह मामला राजनीतिक है?
यह मामला राजनीतिक होने के साथ-साथ सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से भी जुड़ा है।