क्या शंखपुष्पी का फूल आयुर्वेद की अनमोल औषधि है?

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क्या शंखपुष्पी का फूल आयुर्वेद की अनमोल औषधि है?

सारांश

शंखपुष्पी, एक अद्भुत औषधीय फूल, न केवल तनाव को कम करता है बल्कि अनिद्रा और पाचन समस्याओं में भी सहायक है। जानिए इसके विभिन्न लाभ और सेवन विधियाँ।

Key Takeaways

  • शंखपुष्पी मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है।
  • यह अपच और कब्ज में राहत देती है।
  • इसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • यह त्वचा रोगों और हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
  • सेवन से पहले आयुर्वेदाचार्य से सलाह अवश्य लें।

नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शारीरिक या मानसिक समस्याएं हों, आयुर्वेद इनसे निजात पाने के लिए कई फूल, फल या औषधियों की जानकारी देता है। इनमें से एक प्रमुख फूल है शंखपुष्पी। इसके उपयोग से न केवल तनाव कम होता है बल्कि अपच की समस्या भी हल होती है। यदि आपको अनिद्रा की समस्या है, तो यह विशेष रूप से फायदेमंद है।

आयुर्वेद में शंखपुष्पी को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यह छोटा नीला-बैंगनी, सफेद फूल वाला पौधा अनेकों औषधीय गुणों से भरपूर है। प्राचीन ग्रंथों जैसे कि चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में इसे औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है और यह सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

यह मानसिक शांति प्रदान करने के साथ-साथ पाचन में सुधार, त्वचा रोगों में राहत और हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। शंखपुष्पी मुख्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य के लिए जानी जाती है। प्राचीन काल से इसका उपयोग मस्तिष्क को शांत करने, तनाव कम करने और अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए होता आया है। चरक संहिता में इसे ब्रह्म रसायन कहा गया है, जो स्मरण शक्ति को बढ़ाता है और दिमागी क्षमता को मज़बूत बनाता है। यह नसों को शांत करता है और मिर्गी जैसी मानसिक समस्याओं में सहायक है। इसके नियमित सेवन से एकाग्रता बढ़ती है और मन शांत रहता है।

दिलचस्प बात यह है कि शंखपुष्पी के फायदे केवल दिमाग तक सीमित नहीं हैं। यह पूरे शरीर के लिए लाभकारी है। यह पेट की समस्याओं जैसे अपच और कब्ज में राहत देती है। इसकी जड़ विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। यह कुष्ठ (त्वचा रोग), कृमि (कीड़े) और विष के प्रभाव को भी कम करने में सहायक है। शंखपुष्पी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत कर खांसी और सांस की बीमारियों को दूर करती है और इसके सेवन से रक्त संचार में सुधार होता है।

चरक संहिता में इसे तिक्त गण में रखा गया है और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए इसके चूर्ण की सलाह दी गई है। इसके अलावा, शंखपुष्पी बालों को लंबा, घना और चमकदार बनाने में भी सहायक है। यह त्वचा रोगों से राहत और हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। आयुर्वेदिक चूर्ण, सिरप या काढ़े के रूप में इसका सेवन किया जाता है।

आज के तनावपूर्ण जीवन में शंखपुष्पी जैसे प्राकृतिक उपचार बेहद उपयोगी हैं। यह छोटा सा फूल सदियों से स्वास्थ्य को बड़े लाभ देता आया है। हालांकि, सेवन से पहले आयुर्वेदाचार्य से सलाह अवश्य लें।

Point of View

शंखपुष्पी का उपयोग प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह न केवल स्वास्थ्य में सुधार करता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। ऐसे प्राकृतिक उपचारों को अपनाना आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

शंखपुष्पी का सेवन कैसे करें?
आप इसे आयुर्वेदिक चूर्ण, सिरप या काढ़े के रूप में ले सकते हैं।
क्या शंखपुष्पी केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है?
नहीं, यह पाचन, त्वचा रोगों और हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
क्या शंखपुष्पी बच्चों के लिए सुरक्षित है?
हाँ, बच्चों के स्वास्थ्य के लिए इसके चूर्ण की सलाह दी गई है।
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