क्या शरद पूर्णिमा पर कोजागर व्रत से बरसेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद? जानें विशेष उपाय!

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क्या शरद पूर्णिमा पर कोजागर व्रत से बरसेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद? जानें विशेष उपाय!

सारांश

शरद पूर्णिमा और कोजागर पूजा का अद्भुत संयोग इस साल सोमवार को आ रहा है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा से कैसे प्राप्त करें धन-धान्य और समृद्धि, जानें विशेष उपाय।

Key Takeaways

  • शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व
  • केसर युक्त खीर का चंद्रमा की रोशनी में रखना
  • चंद्रमा को दूध का अर्घ्य देना
  • पीपल की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं
  • रात जागरण कर विशेष अनुष्ठान करना

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि सोमवार को आ रही है। इस दिन शरद पूर्णिमा और कोजागर पूजा का विशेष अवसर भी उपस्थित है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

द्रिक पंचांग के अनुसार, सोमवार को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:45 बजे से शुरू होकर 12:32 बजे तक रहेगा, जबकि राहुकाल का समय भी इसी अवधि में होगा। चतुर्दशी का समय 5 अक्टूबर को 3:03 बजे से शुरू होकर 6 अक्टूबर को 12:23 बजे तक रहेगा, जिसके बाद पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा।

शरद पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर की सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमाओं में से एक मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है, जिससे यह दिन विशेष बनता है। हिंदू मान्यताओं में भगवान श्रीकृष्ण को सोलह कलाओं और भगवान श्रीराम को बारह कलाओं से युक्त माना जाता है। इस दिन नवविवाहित महिलाएं वर्ष भर की पूर्णिमाओं पर उपवास का संकल्प लेती हैं। गुजरात में इसे शरद पूनम के नाम से भी जाना जाता है।

नारद पुराण के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और घरों में प्रवेश करती हैं। इस दिन सफेद वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। साथ ही, कनकधारा स्तोत्र का पाठ और "ऊं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का 108 बार जाप धन-धान्य में वृद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है। रात को केसर युक्त खीर बनाकर उसे चंद्रमा की रोशनी में रखना और प्रसाद के रूप में ग्रहण करना स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए लाभदायक है।

अगर किसी के दांपत्य जीवन में समस्याएं हैं, तो पति-पत्नी चंद्रमा को दूध का अर्घ्य दे सकते हैं, जिससे चंद्र दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। पीपल

पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में कोजागर व्रत का विशेष महत्व है। इसे कोजागरी पूजा, बंगाली लक्ष्मी पूजा और कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस रात माता लक्ष्मी जागते हुए भक्तों को धन-धान्य से समृद्ध करती हैं। स्कन्दपुराण के अनुसार यह व्रत ऐश्वर्य, स्वास्थ्य और सुख प्रदान करता है। भक्त रात्रि जागरण कर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं।

इस दिन का विशेष योग भक्तों के लिए आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। चंद्रमा की पूजा और व्रत से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं।

Point of View

NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

शरद पूर्णिमा पर क्या खास करना चाहिए?
शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की पूजा, केसर युक्त खीर बनाना और चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
कोजागर व्रत का महत्व क्या है?
कोजागर व्रत माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जो इस रात जागती हैं।