क्या शारदा विश्वविद्यालय आत्महत्या मामले की आंतरिक जांच समिति आज पुलिस को रिपोर्ट सौंपेगी?

सारांश
Key Takeaways
- आत्महत्या मामले की आंतरिक जांच जारी है।
- रिपोर्ट में प्रशासन की लापरवाही पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- पुलिस ने सुसाइड नोट और अन्य सबूत बरामद किए हैं।
- फॉरेंसिक जांच से लिखावट की पुष्टि की जाएगी।
- शिक्षण संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा गंभीर है।
ग्रेटर नोएडा, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शारदा विश्वविद्यालय में एक छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले की जांच कर रही आंतरिक जांच समिति आज पुलिस को अपनी रिपोर्ट सौंपने की योजना बना रही है। इस जांच समिति ने अब तक छात्रा के परिवार, जेल में बंद प्रोफेसर और अन्य संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ कर ली है। इस रिपोर्ट के आधार पर, पुलिस कुछ और लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाएगा कि छात्रा की आत्महत्या के पीछे कौन-कौन सी वजहें थीं और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किस हद तक लापरवाही बरती गई। माना जा रहा है कि रिपोर्ट में कुछ अन्य कर्मचारियों या प्रोफेसरों की संलिप्तता भी संदिग्ध बताई गई है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन कुछ अन्य व्यक्तियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित करने की योजना बना रहा है।
इससे पहले, जांच समिति ने मृतक छात्रा के परिजनों, दोस्तों, सहपाठियों और विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसरों से पूछताछ पूरी कर ली थी। जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ की गई है और उनके बयान दर्ज किए गए हैं।
पुलिस ने मृतक छात्रा का मोबाइल फोन, लैपटॉप, किताबें और आत्महत्या से पहले लिखा गया सुसाइड नोट बरामद किया है। ये सभी वस्तुएं पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर सुरक्षित रखी हैं। अब पुलिस इन सबको फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए कोर्ट से इजाजत ली जाएगी। फॉरेंसिक जांच के दौरान सुसाइड नोट की लिखावट का मिलान भी किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह वास्तव में छात्रा की ही लिखावट है या किसी अन्य की।
इसके अतिरिक्त, मोबाइल और लैपटॉप के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि आत्महत्या करने से पहले छात्रा ने किन लोगों के साथ संवाद किया था और उसकी मानसिक स्थिति क्या थी। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका पहले से ही सवालों के घेरे में है। यदि आंतरिक जांच रिपोर्ट में लापरवाही की पुष्टि होती है, तो यह प्रकरण और गंभीर हो सकता है।