क्या पीएमएमएल की बैठक में नेहरू दस्तावेजों की अनुपलब्धता पर निर्णय नहीं लिया गया?

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क्या पीएमएमएल की बैठक में नेहरू दस्तावेजों की अनुपलब्धता पर निर्णय नहीं लिया गया?

सारांश

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पीएमएमएल की बैठक में नेहरू दस्तावेजों की स्थिति पर कोई निर्णय नहीं होने की जानकारी दी। उन्होंने सांस्कृतिक मैपिंग की प्रगति भी साझा की। क्या यह खबर आपको प्रभावित करती है? जानिए पूरी जानकारी इस लेख में।

Key Takeaways

  • पीएमएमएल की बैठक में नेहरू दस्तावेजों पर कोई निर्णय नहीं हुआ।
  • ओडिशा में 47,209 गांवों का डेटा अपलोड किया गया है।
  • राष्ट्रीय सांस्कृतिक मैपिंग के तहत 6,23,449 गांवों की पहचान की गई है।

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी (पीएमएमएल) की 2025 की वार्षिक आम बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से संबंधित दस्तावेजों की उपलब्धता पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

उन्होंने यह भी बताया कि पीएमएमएल ने अब तक इन दस्तावेजों का वार्षिक ऑडिट करने की कोई नीति नहीं बनाई है।

शेखावत ने यह जानकारी लोकसभा में भाजपा सांसद संबित पात्रा के सवालों के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि कुछ दस्तावेजों को गलत तरीके से हटाए जाने या इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के सवालों का जवाब नकारात्मक है।

राष्ट्रीय सांस्कृतिक मैपिंग के संबंध में उन्होंने बताया कि देश के कुल 6,38,365 गांवों में से 6,23,449 गांवों की मैपिंग 'मेरा गांव, मेरी धरोहर' (एमजीएमडी) पोर्टल पर की जा चुकी है। इस मिशन के तहत स्थानीय धरोहर, लोक कला, परंपराएं, त्योहार, रीति-रिवाज, पहनावा, आभूषण, खानपान और ऐतिहासिक महत्व जैसे विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं को रिकॉर्ड किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि एमजीएमडी पोर्टल पर यह डेटा गांव-वार उपलब्ध कराया गया है, किसी विशेष कला या विषय के आधार पर नहीं।

शेखावत ने कहा कि एमजीएमडी कार्यक्रम से ग्रामीण पहचान मजबूत होती है। इससे हर गांव का अपना सांस्कृतिक प्रोफाइल तैयार होता है, जो स्थानीय परंपराओं और धरोहर को मान्यता देता है। यह डेटा राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनाने में सहायक होता है, जैसे कि सांस्कृतिक क्लस्टर विकास, विरासत पर्यटन और पारंपरिक हुनर को बढ़ावा देना।

ओडिशा में 47,209 गांवों का डेटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है। भद्रक जिले के 998 गांवों और बालासोर जिले के 2,798 गांवों की जानकारी शामिल है।

उन्होंने कहा कि डेटा गांव-वार रखा गया है, समुदाय-वार नहीं। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश की कुछ जनजातीय समुदायों जैसे बागाटा, कोन्डा डोरा, कोन्डु, वाल्मीकि, कोया, कोन्डा कम्मरा, कोन्डा रेड्डी, कोटिया और गडबा को भी गांव-स्तर पर रिकॉर्ड किया गया है।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि पीएमएमएल में दस्तावेजों की स्थिति और राष्ट्रीय सांस्कृतिक मैपिंग दोनों योजनाओं पर कार्य जारी है और डेटा को संगठित तरीके से संग्रहित किया जा रहा है।

Point of View

जो न केवल सांस्कृतिक धरोहर से संबंधित है, बल्कि देश की पहचान और इतिहास को भी प्रभावित करती है। हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए और इसके लिए उचित कार्यवाही की आवश्यकता है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या पीएमएमएल में नेहरू दस्तावेजों की स्थिति पर निर्णय लिया गया?
नहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पीएमएमएल की बैठक में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
एमजीएमडी पोर्टल पर कितने गांवों की मैपिंग हुई है?
एमजीएमडी पोर्टल पर अब तक 6,23,449 गांवों की मैपिंग की जा चुकी है।
क्या दस्तावेजों को हटाने की कोई नीति है?
शेखावत ने बताया कि पीएमएमएल ने दस्तावेजों के सालाना ऑडिट के लिए कोई नीति नहीं बनाई है।
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