क्या संविधान की किताब जेब में लेकर घूमने वाले एक दिन कोने में सिमट जाएंगे? राहुल पर शेखावत का तीखा हमला

सारांश
Key Takeaways
- गजेंद्र सिंह शेखावत ने राहुल गांधी की टिप्पणी का कड़ा जवाब दिया।
- संविधान की किताब के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बयान दिया गया।
- लोकतंत्र के लिए संवाद की महत्वता को रेखांकित किया गया।
नई दिल्ली, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर की गई टिप्पणी का कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि संविधान की किताब जेब में लेकर चलने वाले लोग एक दिन कोने में सिमट जाएंगे। शेखावत ने संसद में विपक्ष के हंगामे पर भी अपनी बात रखी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "जो लोग संविधान की किताब जेब में लेकर घूमते हैं और संवैधानिक संस्थानों का अपमान करते हैं, देश इन सब चीजों को देखता है। जनता ऐसे लोगों के व्यवहार को देखती है, उन्हें समझती है और पहचानती भी है। चुनाव के समय, जनता उन्हें उनके व्यवहार के अनुसार जवाब देती है।"
शेखावत ने आगे कहा, "इसीलिए आपने देखा होगा कि संविधान की किताब जेब में लेकर घूमने के बावजूद वह हाशिए पर हैं और सिमटते जा रहे हैं। मुझे लगता है कि कहीं एक दिन वह सिर्फ कोने में सिमटकर न रह जाएं।"
लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस सदन में इस देश की जनता और हमारे मतदाता बड़ी उम्मीदों के साथ हमें लोकतांत्रिक तरीके से देश के विकास पर चर्चा करने के लिए चुनते हैं, उसी मंच का इस्तेमाल अब निजी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। मेरे विचार से लोकतंत्र के लिए इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "संवाद लोकतंत्र का पहला जरूरी माध्यम है और जो लोग इसे बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं, वे लोकतंत्र की भावना के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं।"
इसके अलावा, गजेंद्र सिंह शेखावत ने तेजस्वी यादव के 'चुनाव बहिष्कार' वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "भाजपा और एनडीए की जीत दिखाई दे रही है। बिहार में चुनाव परिणाम आने से पहले अपनी हार पर खीज मिटाने और अपनी छवि बचाने के लिए विपक्ष के नेता ऐसे बयान दे रहे हैं।"