क्या शिक्षकों को शिक्षकीय कार्य के अलावा कोई काम नहीं सौंपा जाना चाहिए?: कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव
सारांश
Key Takeaways
- शिक्षकों को केवल शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- आवारा कुत्तों की निगरानी का काम अनुचित है।
- नए श्रम कानूनों से मज़दूरों को लाभ होगा।
- कांग्रेस में प्रजातांत्रिक खुलापन है।
- हर धर्म के अनुयायियों के लिए सुरक्षित वातावरण होना चाहिए।
रायपुर, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने राज्य में शिक्षकों को आवारा कुत्तों की निगरानी का कार्य सौंपे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शिक्षकों की पूर्ण जवाबदेही केवल स्कूल में शिक्षा पर होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "शिक्षकों को केवल जनगणना जैसे एक विशेष कार्य का अपवाद छोड़कर, अन्य कोई काम नहीं सौंपा जाना चाहिए।"
उन्होंने आवारा कुत्तों की निगरानी के फैसले को अनुचित ठहराया और कहा कि इस प्रकार के निर्णयों को तुरंत वापस लेना चाहिए।
इसी बीच, टीएस सिंहदेव ने नए श्रम कानून पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "29 मौजूदा श्रम कानूनों को मिलाकर चार कानून बनाए जाने का प्रस्ताव है। यदि यह व्यापक स्तर पर लागू होता है तो निश्चित रूप से मज़दूर वर्ग को लाभ होगा।"
टीएस सिंहदेव ने कर्नाटक में कांग्रेस की अंतर्कलह पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा, "कांग्रेस में प्रजातांत्रिक खुलापन है। अन्य पार्टियों में, विशेषकर भाजपा में, बहुत अधिक दबाव होता है। यहाँ यदि कोई अपनी बात कहना चाहता है, तो मुझे कोई बुराई नहीं दिखती। हाईकमान निर्णय लेता है जो पार्टी और कर्नाटक राज्य के हित में सही होता है।"
कांग्रेस नेता ने 'बाबरी मस्जिद' विवाद पर कहा, "विध्वंस के बाद बाबरी मस्जिद का निर्माण संभव नहीं है। नए मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारों का निर्माण नए समय के अनुसार किया जा सकता है।" उन्होंने यह भी कहा कि देश में हर धर्म के अनुयायियों के लिए सुरक्षित वातावरण होना चाहिए और किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।