क्या मुरैना-शिवपुरी में हिंदू बच्चों का मदरसों में दाखिला गलत है?

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क्या मुरैना-शिवपुरी में हिंदू बच्चों का मदरसों में दाखिला गलत है?

सारांश

मुरैना और शिवपुरी में हिंदू बच्चों के मदरसों में दाखिले का मामला चर्चा में है। एनएचआरसी ने इसे गंभीर उल्लंघन मानते हुए मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस दिया है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • हिंदू बच्चों का मदरसों में दाखिला विवादास्पद है।
  • एनएचआरसी ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है।
  • शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यह संगठित धर्मांतरण का हिस्सा हो सकता है।
  • मध्य प्रदेश सरकार ने गैर-मुस्लिम बच्चों के दाखिले पर रोक लगाई है।
  • जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच शुरू की है।

शिवपुरी, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुरैना और शिवपुरी जिलों में हिंदू बच्चों का मदरसों में दाखिला देकर कुरान और हदीस पढ़ाने का मामला तूल पकड़ रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने इसे गंभीर उल्लंघन बताते हुए प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है और 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यह एक संगठित धर्मांतरण रैकेट का हिस्सा हो सकता है, जिससे राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। आयोग को मिली शिकायत में आरोप है कि मुरैना में 27 मदरसों में 556 हिंदू बच्चों को दाखिला देकर धार्मिक शिक्षा दी जा रही है। यह किशोर न्याय अधिनियम 2015 और संविधान के अनुच्छेद 28(3) का उल्लंघन है, जो बिना अनुमति धार्मिक शिक्षा पर रोक लगाता है।

एनएचआरसी सदस्य प्रियांक कानूनगो ने कहा, "मदरसे मान्यता प्राप्त शिक्षा केंद्र नहीं हैं। ऐसे में हिंदू बच्चों का दाखिला इनमें उचित नहीं है। संविधान की धारा 21(ए) हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार देती है, लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान भी आवश्यक है। किसी भी धर्म के बच्चों को जबरदस्ती दूसरे धर्म की शिक्षा देना पूरी तरह गलत है।"

मध्य प्रदेश सरकार के 16 अगस्त 2024 के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि गैर-मुस्लिम बच्चों को मदरसों में दाखिला नहीं दिया जाएगा। इसके बावजूद यह कथित उल्लंघन हुआ, जिसे कानूनगो ने बच्चों के अधिकारों का हनन बताया। आयोग ने इसे अवैध मदरसों पर सख्त कार्रवाई का आधार माना है।

इस बीच, शिवपुरी के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) विवेक श्रीवास्तव ने मामले को प्राथमिकता देते हुए जांच शुरू कर दी है। विवेक श्रीवास्तव ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "यह मामला हमारी पहली प्राथमिकता है। जिले के सभी मदरसों की गहन पड़ताल की जा रही है। जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में पांच मदरसे रजिस्टर्ड हैं, जबकि करैरा, दिनारा और नरवर क्षेत्र से तीन नए आवेदन प्राप्त हुए हैं। डीईओ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मदरसों में छात्रों की धार्मिक पृष्ठभूमि की जांच की जाए और अवैध दाखिले पर तत्काल रोक लगाई जाए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे का है, लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता का भी सम्मान होना चाहिए। ऐसे मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता आवश्यक है।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या हिंदू बच्चों का मदरसों में दाखिला करना सही है?
यह मामला विवादास्पद है, क्योंकि यह धर्मांतरण और शिक्षा के अधिकार के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता को दर्शाता है।
एनएचआरसी ने सरकार को क्या नोटिस भेजा है?
एनएचआरसी ने 15 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें इस मामले की जांच की जाएगी।
क्या यह संगठित धर्मांतरण का हिस्सा है?
कुछ शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यह एक संगठित धर्मांतरण रैकेट का हिस्सा हो सकता है।
मध्य प्रदेश सरकार का क्या आदेश था?
16 अगस्त 2024 को सरकार ने गैर-मुस्लिम बच्चों को मदरसों में दाखिला नहीं देने का आदेश दिया था।
जिला शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा है?
डीईओ ने मामले को प्राथमिकता देते हुए जांच शुरू करने की बात कही है।