क्या महागठबंधन का मतलब भय है और एनडीए का मतलब भरोसा? शिवराज सिंह चौहान
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए को जनता का भरोसा मिला है।
- महागठबंधन का डर का प्रतीक बनना।
- बिहार की राजनीति में विकास का महत्व।
- कांग्रेस नेताओं की अज्ञानता पर टिप्पणी।
- जनता की समस्याओं का समाधान आवश्यक है।
पटना, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में पहले चरण के चुनाव का प्रचार मंगलवार को समाप्त होने जा रहा है। इस अवसर पर सभी राजनीतिक दलों के नेता अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनेगी। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन का अर्थ है डर और एनडीए का अर्थ है भरोसा।
मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिहार की जनता एनडीए के साथ है और एनडीए अपनी सबसे बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है। महागठबंधन को यह भी समझ में आ गया है कि बिहार में उनकी बड़ी हार होने वाली है। बिहार की जनता उनकी सच्चाई जान चुकी है और उनका साथ छोड़ चुकी है।
महागठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह महागठबंधन नहीं, महाठगबंधन है। इनमें से आधे नेता जेल में हैं और आधे बेल पर बाहर हैं। लेकिन, जो बाहर हैं उन्हें भी नहीं पता कि क्या करना चाहिए। उन्हें पहले से ही यह पता है कि वे अपनी अब तक की सबसे बड़ी हार की ओर बढ़ रहे हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुछ लोग तो बिहार में आकर मछली पकड़ने लगते हैं या सड़क पर जलेबी बनाने लगते हैं। उन्हें यह नहीं पता कि क्या करना चाहिए। इन्हें सही जानकारी के साथ चुनाव में आना चाहिए।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जब बिहार में इनकी सरकार थी, तब केवल जनता पर अत्याचार और विनाश देखने को मिल रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास हो रहा है। महागठबंधन प्रेसवार्ता करके कुछ भी कह ले, लेकिन सभी को यह विश्वास हो गया है कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने वाली है।
उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन जनता को लुभाने के लिए झूठे वादे कर रही है और एनडीए पर आरोप लगा रही है। लेकिन, जनता को अभी भी बिहार का जंगल राज याद है, जिसमें जनता की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं था और ये लोग केवल अपने परिवार का विकास कर रहे थे। जनता के बारे में कभी भी इन लोगों ने कुछ नहीं सोचा।