क्या शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर धारा 87ए में छूट नहीं मिलेगी? करदाता को दिसंबर तक बकाया टैक्स चुकाना होगा: सीबीडीटी

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क्या शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर धारा 87ए में छूट नहीं मिलेगी? करदाता को दिसंबर तक बकाया टैक्स चुकाना होगा: सीबीडीटी

सारांश

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने स्पष्ट किया है कि शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर करदाता धारा 87ए के तहत छूट का दावा नहीं कर सकते। जानिए इस निर्णय के पीछे के कारण और इससे करदाताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

Key Takeaways

  • धारा 87ए के तहत शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर कोई छूट नहीं मिलेगी।
  • करदाताओं को 31 दिसंबर, 2025 तक बकाया कर चुकाना होगा।
  • भुगतान में देरी पर ब्याज लगेगा।
  • 2024-25 से एसटीसीजी पर कर की दर 20 प्रतिशत हो गई है।
  • करदाताओं को अपने रिटर्न संशोधित करने की अनुमति दी गई थी।

नई दिल्ली, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने स्पष्ट किया है कि करदाता आयकर अधिनियम की धारा 87ए के अंतर्गत उन आय पर कर छूट का दावा नहीं कर सकते, जिस पर विशेष दरों पर कर लगाया गया है, जिसमें शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) भी शामिल है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कई करदाताओं ने शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर छूट का दावा किया था, लेकिन आयकर विभाग ने उनके अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया और बकाया करों की मांग की है।

विभाग ने अब ऐसे करदाताओं से 31 दिसंबर, 2025 तक अपना बकाया कर चुकाने को कहा है। यह उन मामलों पर भी लागू होता है जहाँ पहले गलती से छूट दी गई थी।

सीबीडीटी ने 19 सितंबर को जारी अपने सर्कुलर में कहा था कि कई मामलों में रिटर्न को गलत तरीके से प्रोसेस किया गया था और विशेष कर दरों के अंतर्गत आने वाली आय पर छूट दी गई थी।

अब इन गलतियों को सुधारा जा रहा है और नई डिमांड को जारी किया जा रहा है। सर्कुलर में यह भी चेतावनी दी गई है कि भुगतान में किसी भी तरह की देरी पर आयकर अधिनियम की धारा 220(2) के तहत ब्याज लग सकता है।

हालांकि, करदाताओं की परेशानी कम करने के लिए, आयकर विभाग ने राहत की पेशकश की है। उसने 31 दिसंबर, 2025 से पहले बकाया करों का भुगतान करने पर ब्याज माफ करने का निर्णय लिया है।

जुलाई 2024 से, आयकर विभाग धारा 87ए के तहत 7 लाख रुपए से कम आय वाले करदाताओं के लिए शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर छूट के दावों को खारिज कर रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए, इन शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर 15 प्रतिशत कर लगाया गया था, लेकिन वित्त वर्ष 2024-25 से यह दर बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी गई है।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए छूट की सीमा पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 5 लाख रुपए और नई टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपए थी।

हालांकि, इस प्रावधान ने कर देयता को शून्य करने में मदद की, लेकिन यह छूट एसटीसीजी जैसी विशेष दरों पर कर योग्य आय को कवर करने के लिए नहीं थी।

बाद में यह मामला बॉम्बे उच्च न्यायालय तक पहुंच गया था, जिसमें दिसंबर 2024 में आयकर विभाग से करदाताओं को अपने रिटर्न संशोधित करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।

जनवरी 2025 में ऐसे संशोधनों के लिए 15 दिनों की अवधि निर्धारित की गई थी, लेकिन बाद में भी कई करदाताओं को अपने लंबित बकाया का भुगतान करने के लिए नोटिस प्राप्त हुए।

अंततः, केंद्रीय बजट 2025 ने यह कहकर सभी भ्रम दूर कर दिए कि धारा 111ए के तहत एसटीसीजी सहित विशेष दर वाली आय, वित्त वर्ष 2025-26 से धारा 87ए के तहत छूट के लिए पात्र नहीं होगी।

Point of View

NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

सीबीडीटी का यह निर्णय किस पर लागू होता है?
यह निर्णय शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर लागू होता है, जिसमें करदाता धारा 87ए के तहत छूट का दावा नहीं कर सकते।
बकाया कर कब तक चुकाना होगा?
करदाताओं को 31 दिसंबर, 2025 तक अपना बकाया कर चुकाने के लिए कहा गया है।
ब्याज कब लगेगा?
भुगतान में किसी भी तरह की देरी होने पर आयकर अधिनियम की धारा 220(2) के तहत ब्याज लगेगा।
क्या छूट की सीमा में कोई बदलाव हुआ है?
हाँ, वित्त वर्ष 2024-25 से शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर कर की दर 20 प्रतिशत कर दी गई है।
क्या करदाता अपने रिटर्न में संशोधन कर सकते हैं?
हाँ, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने करदाताओं को अपने रिटर्न संशोधित करने की अनुमति दी थी।