क्या श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर: 103 साल में बनकर तैयार हुआ भगवान विष्णु को समर्पित ये मंदिर?

Click to start listening
क्या श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर: 103 साल में बनकर तैयार हुआ भगवान विष्णु को समर्पित ये मंदिर?

Key Takeaways

  • श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर का निर्माण 103 वर्षों में हुआ।
  • यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
  • मंदिर में 48 अद्वितीय स्तंभ हैं।
  • मंदिर की दीवारों पर अनोखी नक्काशी की गई है।
  • यह मंदिर होयसल साम्राज्य की संस्कृति का प्रतीक है।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रत्येक मंदिर का अपना अनूठा इतिहास और पूजनीय देवी-देवताओं की कथा होती है। बेलूर में स्थित चेन्नाकेशव मंदिर एक अद्वितीय स्थल है, जिसकी हर दीवार और स्तंभ एक अलग इतिहास और नक्काशी की कहानी बयां करता है।

यह मंदिर अब कर्नाटक की धरोहर बन चुका है, और पर्यटक दूर-दूर से इस अद्भुत और प्राचीन मंदिर का दर्शन करने आते हैं।

कर्नाटक के बेलूर में स्थित श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर अत्यंत महत्वपूर्ण है। कहते हैं कि इस मंदिर के निर्माण में 103 वर्ष लगे और तीन पीढ़ियों का परिश्रम लगा। मंदिर में 48 अलग-अलग स्तंभ हैं, जिनमें से प्रत्येक स्तंभ की नक्काशी और शैली में भिन्नता है। मंदिर का निर्माण होयसल साम्राज्य के दौरान 11वीं से 14वीं शताब्दी के बीच आरंभ हुआ था, और इसका श्रेय राजा विष्णुवर्धन को जाता है, जिन्होंने 1117 ई. में इसका निर्माण करवाना शुरू किया था।

श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर की दीवारों पर भगवान विष्णु के 10 विभिन्न रूपों की बारीक नक्काशी की गई है। यहां अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं इतनी खूबसूरती से बनायी गई हैं कि पाषाण भी जीवंत प्रतीत होता है। इसके अतिरिक्त, बाघ की प्रतिमाएं भी मौजूद हैं, क्योंकि बाघ होयसल साम्राज्य का प्रतीक माना जाता था।

यह साम्राज्य अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध था। अपने समय में होयसल साम्राज्य ने दक्षिण भारत में 100 से अधिक मंदिरों का निर्माण किया था, जिनमें से आज भी 92 मंदिर मौजूद हैं। श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर का निर्माण सेलकड़ी पत्थर से किया गया है, जो अन्य पत्थरों की तुलना में नरम होता है और इस पर नक्काशी करना सरल होता है। इसके गर्भगृह में कई प्रतिमाएं हैं, जिन्हें महीन शिल्पकारी से बनाया गया है। यहाँ 10,000 से अधिक पत्थर की प्रतिमाएं देखने को मिलेंगी।

मंदिर में सरस्वती मां की भी एक अनोखी मूर्ति है। जब प्रतिमा पर पानी डाला जाता है, तो यह बाईं ओर से गिरता है और अंततः पैरों से बाहर निकल जाता है। मंदिर में मौजूद हर प्रतिमा में होयसल वास्तुकला की उत्कृष्टता का प्रमाण देखने को मिलता है।

Point of View

जो भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की महानता को प्रदर्शित करता है। यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि एक पर्यटक स्थल भी है, जो देश की धरोहर को दर्शाता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर कहाँ स्थित है?
यह मंदिर बेलूर, कर्नाटक में स्थित है।
इस मंदिर का निर्माण कब शुरू हुआ?
इस मंदिर का निर्माण 1117 ई. में राजा विष्णुवर्धन द्वारा शुरू किया गया था।
मंदिर में कितने स्तंभ हैं?
मंदिर में 48 अलग-अलग स्तंभ हैं।
क्या इस मंदिर में कोई विशेष मूर्ति है?
हाँ, मंदिर में सरस्वती मां की एक अनोखी मूर्ति है।
मंदिर की वास्तुकला किस साम्राज्य से संबंधित है?
यह मंदिर होयसल साम्राज्य की अद्भुत वास्तुकला का उदाहरण है।
Nation Press