क्या आप जानते हैं श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब?

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क्या आप जानते हैं श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब?

सारांश

उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। यह अद्भुत अनुभव भक्तों के लिए आध्यात्मिक महत्व रखता है। जानिए इस विशेष आरती के बारे में और कैसे भक्त बाबा महाकाल के दर्शन का लाभ उठाते हैं।

Key Takeaways

  • भस्म आरती का आयोजन सुबह 4 बजे होता है।
  • यह उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में होती है।
  • भक्तों का सैलाब उमड़ता है इस विशेष अवसर पर।
  • भस्म का निर्माण कपिला गाय के गोबर से होता है।
  • यह आरती भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव है।

उज्जैन, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह 4 बजे भस्म आरती का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा।

मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि जैसे ही सुबह मंदिर के कपाट खुले, पंडितों और पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का विधिवत पूजन किया। इसके बाद भगवान महाकाल को दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत और फलों के रस से जलाभिषेक किया गया। पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर 'हरि ओम' का जल अर्पित किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया, जिसमें रुद्राक्ष और मुंड माला के साथ नवीन मुकुट धारण कराया गया। आज के श्रृंगार की खासियत यह थी कि बाबा महाकाल के मस्तक पर त्रिपुंड के साथ भव्य श्रृंगार किया गया। कपूर आरती के बाद भस्म आरती का अनुष्ठान आरंभ हुआ।

महानिर्वाणी (श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा) की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई। मान्यता है कि भस्म अर्पण के बाद बाबा महाकाल निराकार से साकार स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। इस दौरान मंदिर परिसर 'बम-बम भोले' और 'हर-हर महादेव' के जयघोष से गूंज उठा। भस्म आरती लगभग दो घंटे तक चली, जिसमें वैदिक मंत्रों का उच्चारण और भगवान का श्रृंगार समानांतर रूप से हुआ।

जानकारी के अनुसार, पवित्र भस्म कपिला गाय के गोबर से बने कंडों, शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलतास और बेर की लकड़ियों को जलाकर तैयार की जाती है।

उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती के अलावा दिनभर में छह अन्य आरतियां होती हैं, जिनमें बालभोग, भोग, पूजन, संध्या और शयन आरती शामिल हैं। भस्म आरती का विशेष महत्व है, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र है।

Point of View

उनके लिए उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थल है। भस्म आरती का आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जीवंतता का प्रतीक है। यह ऐसा अनुभव है जो भक्तों के मन में गहरी आध्यात्मिकता और विश्वास जगाता है।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

भस्म आरती क्या होती है?
भस्म आरती एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें भगवान महाकाल को भस्म अर्पित किया जाता है। इसे भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र माना जाता है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर कहाँ स्थित है?
श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में स्थित है, जो मध्य प्रदेश राज्य में है।
भस्म आरती के दौरान क्या होता है?
भस्म आरती के दौरान भक्तों द्वारा भगवान का पूजन किया जाता है, जिसमें भस्म अर्पण और वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
भस्म कैसे बनाई जाती है?
पवित्र भस्म कपिला गाय के गोबर से बने कंडों, शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलतास और बेर की लकड़ियों को जलाकर तैयार की जाती है।
महाकाल मंदिर में अन्य आरतियाँ कब होती हैं?
महाकाल मंदिर में भस्म आरती के अलावा दिनभर में अन्य आरतियाँ जैसे बालभोग, भोग, पूजन, संध्या और शयन आरती होती हैं।