क्या आईपीएस अधिकारी सुसाइड केस में सुरक्षा बढ़ाना आवश्यक था?

सारांश
Key Takeaways
- आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन सिंह की आत्महत्या ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
- राज्य में सुरक्षा व्यवस्थाएँ कड़ी की गई हैं।
- कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने शोक संवेदनाएँ व्यक्त की हैं।
- मामले में विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
चंडीगढ़, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन सिंह की आत्महत्या के बाद उनके घर पर नेताओं का आना लगातार जारी है, इसलिए उनके आवास पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और सड़क का एक हिस्सा आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है।
सोमवार रात, हरियाणा सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखते हुए कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्यव्यापी अलर्ट जारी किया और सभी फील्ड अधिकारियों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का आदेश दिया।
मुख्य सचिव की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग (राजनीतिक शाखा) द्वारा अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), हरियाणा के डीजीपी और सभी पुलिस आयुक्तों को निर्देश जारी किए गए हैं।
ये निर्देश राज्यभर में मामले की विस्तृत जांच की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर जारी किए गए हैं।
इसके अलावा, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कड़ी सुरक्षा के बीच हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन सिंह के परिवार से मिलने चंडीगढ़ में उनके आवास पर जाएंगे।
कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज दिवंगत वाई. पूरन कुमार (आईपीएस) के आवास पर शोक व्यक्त करेंगे।"
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान भी कुमार के आवास पर जाने वाले हैं।
कुमार ने कथित तौर पर 7 अक्टूबर को आत्महत्या की थी। उनकी पत्नी, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से प्राथमिकी दर्ज करने और अपने पति द्वारा 'नोट' में नामित व्यक्तियों को निलंबित और गिरफ्तार करने की मांग की थी।
इससे पहले, हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजा गया था।