क्या श्रृंगी ऋषि आश्रम का होगा समेकित विकास, महाभारत सर्किट बनेगा नया पर्यटन केंद्र?

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क्या श्रृंगी ऋषि आश्रम का होगा समेकित विकास, महाभारत सर्किट बनेगा नया पर्यटन केंद्र?

सारांश

उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रृंगी ऋषि आश्रम के समेकित विकास के लिए 2 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। यह महाभारत सर्किट का हिस्सा बनेगा। जयवीर सिंह ने इस स्थल के महत्व और विकास की योजनाओं पर चर्चा की। जानें कैसे यह स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।

Key Takeaways

  • दो करोड़ रुपये का विकास बजट
  • महाभारत सर्किट का हिस्सा
  • सांस्कृतिक वैभव का संवर्धन
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार
  • आधुनिक पर्यटन सुविधाएं

लखनऊ, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ जनपद के परीक्षितगढ़ में स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम के समेकित पर्यटन विकास हेतु दो करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। यह स्थल महाभारत सर्किट के अधीन विकसित किया जा रहा है। कहा जाता है कि यही वह स्थान है, जहां से कलियुग की शुरुआत हुई और महाभारत काल की कई महत्वपूर्ण घटनाएं यहीं से जुड़ी हैं। राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, “श्रृंगी ऋषि आश्रम का सांस्कृतिक वैभव बेहद समृद्ध है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस पौराणिक स्थल को आधुनिक पर्यटन सुविधाओं से जोड़ना है, ताकि यह महाभारत सर्किट का एक प्रमुख आकर्षण बन सके।”

पर्यटन मंत्री ने बताया कि आश्रम परिसर में ऋषि श्रृंगी और ऋषि शमीक की प्रतिमाएं स्थित हैं, जिनसे जुड़ी पौराणिक कथाएं आगंतुकों में गहरी जिज्ञासा उत्पन्न करती हैं। यहाँ की यज्ञशाला और पदचिह्नों के निशान आगंतुकों को इतिहास से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। द्वापर युगीन इस भूमि को पर्यटन की दृष्टि से सुसज्जित कर क्षेत्र की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जाएगा।”

मंत्री ने बताया कि मेरठ में श्रृंगी ऋषि आश्रम के अलावा नौचंदी परिसर स्थित मां चंडी देवी मंदिर, बाबा औघड़नाथ मंदिर, गोपेश्वर मंदिर, कात्यायनी देवी मंदिर और हस्तिनापुर जैसे ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल हैं, जहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उन्होंने कहा कि मेरठ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक एवं ऐतिहासिक केंद्र है। दिल्ली-एनसीआर के निकट होने के कारण यहां पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2024 में मेरठ में 37.78 लाख पर्यटक आए, जबकि वर्ष 2025 के जनवरी से जून तक 10.60 लाख पर्यटक यहां पहुंचे।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि बढ़ते पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और रोजगार के नए अवसरों का सृजन हुआ है। राज्य सरकार की योजना है कि आने वाले वर्षों में महाभारत सर्किट को एक विश्वस्तरीय धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।

Point of View

बल्कि इससे स्थानीय समुदायों की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की यह पहल समय की मांग है, जिससे स्थानीय संस्कृति और इतिहास को संजोने का मौका मिलेगा।
NationPress
11/11/2025

Frequently Asked Questions

श्रृंगी ऋषि आश्रम का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
श्रृंगी ऋषि आश्रम वह स्थल है, जहां से कलियुग की शुरुआत हुई मानी जाती है। यह महाभारत काल की कई घटनाओं से जुड़ा है।
महाभारत सर्किट का क्या उद्देश्य है?
महाभारत सर्किट का उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का विकास करना है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इस विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।