क्या दिल्ली में हुए धमाके ने खुफिया एजेंसियों की चूक को उजागर किया?
सारांश
Key Takeaways
- आधिकारिक जांच की आवश्यकता है।
- सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पर सवाल उठे हैं।
- लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- घटनाओं से सीख लेने की आवश्यकता है।
- सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
विजयवाड़ा, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के कांग्रेस नेता वी. गुरुनाथम ने दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार विस्फोट पर कहा कि आई-20 कार तीन घंटे तक खड़ी रही। यह पुलिस, खुफिया एजेंसियों और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों का कर्तव्य था कि वे इस प्रकार के बम विस्फोटों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि सरकार को सतर्क और सजग रहना चाहिए। जांच एजेंसियां ऐसे खतरों से निपटने में सक्षम हैं। हालांकि, यह घटना कैसे हुई, यह अभी भी अज्ञात है और यहां तक कि गृह मंत्री भी यह नहीं बता पाए हैं कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
इसी बीच, आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी प्रवक्ता हाफिज खान ने दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए विस्फोट पर कहा कि सबसे पहले, हम उन शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं, जिन्होंने सोमवार की घटना में अपनी जान गंवाई है। हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए। यह हमारी मांग और केंद्र सरकार से अनुरोध है।
गौरतलब है कि दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक बड़ा धमाका हुआ था। इस धमाके में कई लोगों की जान गई थी, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे।
लाल किला क्षेत्र दिल्ली के सबसे व्यस्त और घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है। शाम के समय इस इलाके में अच्छी खासी भीड़ होती है। शाम को स्थानीय बाजार गुलजार रहते हैं। बड़ी संख्या में लोग यहां घूमने आते हैं।
इस संदर्भ में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह घटना बहुत चिंताजनक है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 13 भारतीय मारे गए हैं। समस्या यह है कि फरीदाबाद में लगभग 2600 किलो विस्फोटक पकड़ा गया। सात महीने पहले पहलगाम में एक आतंकवादी हमला हुआ था। मुझे लगता है कि यह चिंता का विषय है। यह कैसे हो रहा है?