क्या शुभांशु शुक्ला आईएसएस पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए?

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क्या शुभांशु शुक्ला आईएसएस पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए?

सारांश

भारत के लिए गर्व का क्षण! भारतीय astronaut शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस पर पहुँचकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। जानिए इस मिशन की खास बातें और अंतरिक्ष यात्रा के अनुभवों के बारे में।

Key Takeaways

  • शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस पर पहुँचकर भारत का नाम रोशन किया।
  • यह मिशन भारत की वैज्ञानिक क्षमता का प्रतीक है।
  • शुक्ला ने अपने साथ घर का खाना भी लिया।
  • यह मिशन अंतरिक्ष में दीर्घकालिक जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • भारत की वैश्विक तकनीकी प्रतिष्ठा को बढ़ावा मिल रहा है।

नई दिल्ली, २६ जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर ४१ साल के लंबे इंतज़ार के बाद भारत के लिए एक सुखद समाचार आया है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को सफलतापूर्वक आईएसएस पर कदम रखा। शुक्ला आईएसएस में जाने वाले पहले भारतीय astronaut बन गए हैं।

लखनऊ में १९८४ में जन्मे शुभांशु शुक्ला उसी वर्ष बन गए थे जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने थे। यह गौरव हासिल करने वाले वह दूसरे भारतीय हैं। उल्लेखनीय है कि इसी साल आईएसएस की औपचारिक स्थापना भी हुई थी।

शुभांशु शुक्ला के साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक-एक astronaut भी एक्सिऑम स्पेस के मिशन-४ में आईएसएस पहुंचे हैं। भारतीय समय के अनुसार दोपहर ४:०१'ग्रेस' ने हार्मनी मॉड्यूल के स्पेस फेसिंग पोर्ट से डॉकिंग की।

'ग्रेस' नामक स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में एक्स-४ कमांडर पैगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला और मिशन विशेषज्ञ स्लावोस उज़्नान्स्की-विस्निएव्स्की और टिबोर कापू शामिल हैं।

स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डॉकिंग की पुष्टि की है।

चालक दल फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से कंपनी के फाल्कन 9 रॉकेट पर सवार होकर भारतीय समयानुसार बुधवार दोपहर १२:०१

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपने अनुभव साझा करते हुए लिखा, "सभी को अंतरिक्ष से नमस्कार। मैं अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहाँ आकर बहुत खुश हूँ। वाह, यह अद्भुत यात्रा थी। जब मैं लॉन्चपैड पर कैप्सूल में बैठा था, तो मेरे दिमाग में एक ही विचार था, हमें बस जाना है।"

उन्होंने अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा, "जब सवारी शुरू हुई, तो ऐसा लगा जैसे आपको सीट पर पीछे की ओर धक्का लग रहा हो। यह अद्भुत अनुभव था। फिर अचानक सब कुछ शांत। आप निर्वात में तैर रहे हैं।"

उन्होंने लिखा, "मैं एक बच्चे की तरह सीख रहा हूँ, अंतरिक्ष में कैसे चलना है और खाना कैसे खाना है।"

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि यह मिशन 'भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की यात्रा' है।

शुक्ला ने अंतरिक्ष में अपने घर के बने खाने की लालसा को शांत करने के लिए गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम का रस भी साथ लाया है।

एक्सिऑम-४ मिशन केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारत की वैश्विक प्रौद्योगिकी महाशक्ति के रूप में बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रतीक है। यह देश की अंतरिक्ष नवाचार में नेतृत्व, स्थिरता को बढ़ावा देने और वैश्विक मिशनों में योगदान देने की क्षमता को दर्शाता है।

आईएसएस पर पहुँचने के बाद, शुभांशु शुक्ला भोजन और अंतरिक्ष पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रयोग करेंगे।

नासा के सहयोग से इसरो और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के बीच विकसित किए गए ये प्रयोग टिकाऊ जीवन-समर्थन प्रणालियों की समझ को बढ़ाने का उद्देश्य रखते हैं, जो भविष्य की लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

शोध में सूक्ष्मगुरुत्व और अंतरिक्ष विकिरण के खाद्य सूक्ष्म शैवाल पर प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर, उच्च क्षमता वाला खाद्य स्रोत है।

इस प्रयोग में मुख्य विकास मापदंडों का मूल्यांकन किया जाएगा और पृथ्वी पर उनके व्यवहार की तुलना में अंतरिक्ष में विभिन्न शैवाल प्रजातियों में ट्रांसक्रिप्टोमिक, प्रोटिओमिक और मेटाबोलोमिक बदलावों को समझने का प्रयास किया जाएगा।

Point of View

शुभांशु शुक्ला की इस उपलब्धि ने भारत को एक अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में स्थापित किया है। यह न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि हमारे देश की बढ़ती तकनीकी क्षमता और नवाचार का प्रतीक भी है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
शुभांशु शुक्ला एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुँचने का गौरव हासिल किया है।
आईएसएस क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) एक बहुराष्ट्रीय परियोजना है, जो अंतरिक्ष में अनुसंधान और प्रयोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
क्या यह मिशन वैज्ञानिक उपलब्धि है?
हाँ, एक्सिऑम-४ मिशन एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि है जो भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रतीक है।
शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में क्या किया?
शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में भोजन और पोषण से संबंधित प्रयोग किए।
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में यह कदम कितना महत्वपूर्ण है?
यह कदम भारत की अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।