क्या शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग धन-संपत्ति के लिए महत्वपूर्ण है?

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क्या शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग धन-संपत्ति के लिए महत्वपूर्ण है?

सारांश

इस शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग है, जो आपकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा। जानिए कैसे करें शुक्र ग्रह की आराधना और प्राप्त करें सुख-समृद्धि।

Key Takeaways

  • तृतीया तिथि पर पूजा से सभी कष्ट दूर होते हैं।
  • शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय करें।
  • गरीबों को दान देने से पुण्य मिलता है।
  • सर्वार्थ सिद्धि योग आर्थिक समृद्धि लाने में सहायक है।
  • नए कार्यों के लिए यह समय उपयुक्त है।

नई दिल्ली, 23 अक्तूबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुक्रवार को है। इस सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है, जो धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।

द्रिक पंचांग के अनुसार, तृतीया तिथि को सूर्य तुला में और चंद्रमा वृश्चिक में रहेंगे। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। शुक्रवार को कोई विशेष त्योहार या व्रत नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं।

ब्रह्मवैवर्त पुराण, मत्स्य पुराण और अन्य प्राचीन ग्रंथों में शुक्रवार को माता लक्ष्मी, संतोषी माता और शुक्र ग्रह की आराधना का दिन बताया गया है। मान्यता है कि शुक्रवार का व्रत सुख, समृद्धि, धन-धान्य और वैवाहिक जीवन में शांति लाने के लिए किया जाता है।

इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर सभी कष्ट दूर होते हैं और माता रानी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। ज्योतिष शास्त्र में यह व्रत शुक्र ग्रह को मजबूत करने और उससे जुड़े दोषों को दूर करने के लिए भी रखा जाता है। इसे किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से शुरू किया जा सकता है। आमतौर पर 16 शुक्रवार तक व्रत रखने के बाद उद्यापन किया जाता है।

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें। लाल कपड़े पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। दीप जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत, कुमकुम और मिठाई का भोग लगाएं। ‘श्री सूक्त’ और ‘कनकधारा स्तोत्र’ का पाठ करें। मंत्र जप करें, 'ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' और 'विष्णुप्रियाय नमः' का जप भी लाभकारी है।

पूजा के अंत में कमल पुष्प अर्पित करें, लक्ष्मी चालीसा पढ़ें। प्रसाद में खीर, मिश्री और बर्फी बांटें।

इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सर्वार्थ सिद्धि योग में की गई पूजा आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ पारिवारिक सुख-शांति भी प्रदान करती है। ज्योतिषाचार्य इसे नए कार्य, निवेश और महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए अति उत्तम मानते हैं।

Point of View

ज्योतिषाचार्य इसे केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं मानते, बल्कि आर्थिक समृद्धि और पारिवारिक शांति के लिए एक महत्वपूर्ण समय के रूप में देखते हैं। यह योग नए कार्यों और निवेश के लिए भी उपयुक्त है।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

सर्वार्थ सिद्धि योग क्या है?
सर्वार्थ सिद्धि योग एक शुभ योग है जो धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।
शुक्रवार को कौन-सी पूजा करनी चाहिए?
इस दिन माता लक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए।
क्या दान करना चाहिए?
इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।