क्या सिख तीर्थयात्रियों का जत्था पाकिस्तान रवाना हुआ, प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए?

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क्या सिख तीर्थयात्रियों का जत्था पाकिस्तान रवाना हुआ, प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए?

सारांश

अमृतसर से सिख तीर्थयात्रियों का जत्था पाकिस्तान रवाना हुआ है। यह जत्था गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पवित्र उत्सव में शामिल होने के लिए ननकाना साहिब सहित अन्य गुरुद्वारों में धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेगा।

Key Takeaways

  • गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व सिख समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है।
  • जत्था पाकिस्तान के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेगा।
  • सरकार ने श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया है।
  • करतारपुर कॉरिडोर का महत्व बढ़ता जा रहा है।
  • सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को सम्मानित किया जा रहा है।

अमृतसर, ४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमृतसर से एक सिख तीर्थयात्रियों का जत्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के तले मंगलवार को पाकिस्तान के लिए प्रस्थान किया। वे गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पवित्र उत्सव में भाग लेने जा रहे हैं। जत्था पाकिस्तान के ननकाना साहिब और अन्य ऐतिहासिक गुरुद्वारों में धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होगा।

इस अवसर पर अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह जत्थे के साथ गए। उन्होंने यात्रा की सफलता और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रार्थना की।

रवानगी से पहले, ज्ञानी कुलदीप सिंह ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया कि सरकार ने श्रद्धालुओं को वीजा तो जारी किया है, परंतु करतारपुर साहिब का लंगर अभी पूरी तरह से खुला नहीं है। करतारपुर कॉरिडोर केवल तीर्थयात्रा का रास्ता नहीं, बल्कि 'दिलों को जोड़ने वाला माध्यम' भी है।

उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सरकार जल्द ही कॉरिडोर को पूरी तरह खोलने की मांग को पूरा करेगी। गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम समय करतारपुर साहिब में बिताए थे, जो सिख समुदाय के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है।

उन्होंने कहा, "हर सिख की यही इच्छा है कि वे बिना किसी रुकावट के इस पवित्र स्थल पर माथा टेकने के लिए अवश्य जाएं।"

उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में श्रद्धालुओं को पासपोर्ट के बजाय आधार-आधारित पहचान द्वारा प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए।

गुरु नानक के प्रकाश पर्व पर आध्यात्मिक संदेश देते हुए जत्थेदार ने संगत को गुरुजी के तीन स्वर्णिम सिद्धांत याद दिलाए, किरत करो (ईमानदारी से कमाओ), नाम जपो (भगवान का नाम जपो), और वंड छको (दूसरों के साथ बांटो)।

उन्होंने कहा, "ये शिक्षाएं गुरु के लंगर की बुनियाद हैं, जो आज भी समाज में समानता, सेवा और एकता की प्रेरणा देती हैं।"

उन्होंने विश्व शांति, सद्भाव और सिख कैदियों की जल्द रिहाई के लिए प्रार्थना की।

एक श्रद्धालु ने कहा, "मैं पाकिस्तान पहली बार जा रहा हूं। इस पवित्र यात्रा में शामिल होना सपने जैसा लग रहा है। मैं बहुत खुश हूं।"

Point of View

यह यात्रा सिख समुदाय की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करती है। पाकिस्तान में गुरु नानक देव जी के जीवन से जुड़ी स्थलों के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था महत्वपूर्ण है, और यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने का एक माध्यम बन सकती है।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व में भाग लेना और धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होना है।
क्या श्रद्धालुओं को वीजा मिला है?
हाँ, सरकार ने श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया है।
करतारपुर कॉरिडोर कब पूरी तरह से खुलेगा?
जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह के अनुसार, सरकार जल्द ही करतारपुर कॉरिडोर को पूरी तरह से खोलने की मांग को पूरा करेगी।
इस यात्रा में कौन शामिल हैं?
इस यात्रा में अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह और अन्य सिख श्रद्धालु शामिल हैं।
क्या श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता है?
भविष्य में श्रद्धालुओं को पासपोर्ट के बजाय आधार-आधारित पहचान द्वारा प्रवेश की अनुमति दी जाने का सुझाव दिया गया है।