क्या केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कोहिमा युद्ध समाधि स्थल का दौरा करके शहीदों को श्रद्धांजलि दी?
सारांश
Key Takeaways
- कोहिमा युद्ध समाधि स्थल शहीदों की याद में एक महत्वपूर्ण स्थल है।
- सिंधिया की यात्रा ने सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया।
- गैरिसन कैफे क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।
- हॉर्नबिल महोत्सव नागालैंड की समृद्धता को प्रदर्शित करता है।
- नागालैंड सरकार ने कॉफी को राज्य का विशिष्ट विक्रय बिंदु घोषित किया है।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कोहिमा युद्ध समाधि स्थल का दौरा किया, जहां स्थानीय अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
केंद्रीय मंत्री ने द्वितीय विश्व युद्ध के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में से एक कोहिमा के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि यह युद्ध समाधि स्थल साहस, बलिदान और साझा इतिहास का जीवंत प्रतीक है। यह न केवल एक महत्वपूर्ण विरासत स्थल है, बल्कि ऐसा स्थान भी है, जो देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को लगातार आकर्षित करता है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कोहिमा युद्ध समाधि स्थल की तस्वीरें भी शेयर की।
इसके बाद, केंद्रीय मंत्री ने गैरिसन कैफे का दौरा किया, जो कोहिमा का एक प्रमुख सांस्कृतिक स्थल है और क्षेत्र की सैन्य विरासत तथा रचनात्मक ऊर्जा का उत्सव मनाता है।
युद्धकालीन इतिहास एवं स्थानीय नागा परंपराओं से प्रेरित यह कैफे आज युवाओं, कलाकारों और पर्यटकों के लिए एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभर चुका है।
सिंधिया ने कैफे में कॉफी का आनंद लेते हुए इस बात की सराहना की कि कैसे इस तरह के स्थल विरासत को समकालीन उद्यमिता से जोड़ते हैं और सामुदायिक सहभागिता तथा स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं। नागालैंड सरकार ने क्षेत्र की आर्थिक संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कॉफी को राज्य का विशिष्ट विक्रय बिंदु (यूएसपी) भी घोषित किया है।
केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को हॉर्नबिल महोत्सव का भी दौरा करेंगे, जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक उत्सवों में से एक है और नागालैंड की समृद्ध परंपराओं, शिल्प कौशल, संगीत एवं विविध सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित करता है।
उनकी यह यात्रा सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और पूर्वोत्तर क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक जीवंतता को मजबूत करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।