क्या एसआईआर का दूसरा चरण 51 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- दूसरे चरण की एसआईआर 28 अक्टूबर से शुरू होगी।
- 51 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक मतदाता हैं।
- प्रक्रिया 7 फरवरी, 2026 को समाप्त होगी।
- चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित है।
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दूसरे चरण के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) की जानकारी दी। इस चरण में देश के 12 राज्यों में एसआईआर का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए आयोग ने महत्वपूर्ण तारीखों की घोषणा की है।
दूसरे चरण की एसआईआर की शुरुआत 28 अक्टूबर, 2025 से होगी। इस दौरान 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक प्रिंटिंग और ट्रेनिंग का कार्य किया जाएगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर, 2025 तक गणना का कार्य होगा। इसके पश्चात 9 दिसंबर, 2025 को मतदाता सूची का प्रकाशन और मसौदा तैयार किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने 9 दिसंबर, 2025 से 8 जनवरी, 2026 तक आपत्तिसुनवाई और सत्यापन का कार्य किया जाएगा। 7 फरवरी, 2026 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा।
आयोग के अनुसार, एसआईआर के इस चरण में 12 राज्यों के करीब 51 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा। इसमें सर्वाधिक उत्तर प्रदेश के 15.44 करोड़ मतदाता हैं। जबकि, दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल के 7.66 करोड़ मतदाता हैं।
इस दौरान 5,33,093 पोलिंग बूथ/बीएलओ, 7,64,419 राजनीतिक पार्टी बीएलए, 10,448 ईआरओ/एईआरओ और 321 डीईओ शामिल होंगे।
एसआईआर के दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों, जिनमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार शामिल हैं, को कवर किया जाएगा। पहले चरण में आयोग ने बिहार को कवर किया था, जिसमें जीरो आपत्ति आई थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन आवश्यक है। पिछले कुछ वर्षों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची की शुद्धता पर चिंता जताई है। यह प्रक्रिया आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच हुई थी। इतने लंबे समय बाद अब एसआईआर और भी आवश्यक हो जाता है।"