क्या ओट्स सिर्फ नाश्ता है या सम्पूर्ण पोषण का खजाना?

सारांश
Key Takeaways
- ओट्स
- यह वजन घटाने में मदद करता है।
- डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी है।
- स्वास्थ्यवर्धक पाचन में सहायक है।
- ओट्स का पेस्ट त्वचा के लिए फायदेमंद है।
नई दिल्ली, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की तेज़-तर्रार और व्यस्त जीवनशैली में लोग ऐसे आहार की तलाश में हैं जो जल्दी तैयार हो, पौष्टिक हो और स्वास्थ्य को दुरुस्त रख सके। इस संदर्भ में, ओट्स (जई) ने विश्वभर में अपनी अद्वितीय पहचान स्थापित कर ली है। इसे अब आधुनिक सुपरफूड माना जाने लगा है।
ओट्स में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की प्रचुर मात्रा होती है। इसका वैज्ञानिक नाम एवेना सैटिवा है और हिंदी में इसे जई कहा जाता है। १०० ग्राम ओट्स में लगभग ३८९ कैलोरी, ६६ ग्राम कार्बोहाइड्रेट, १७ ग्राम प्रोटीन, ७ ग्राम फैट और ११ ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा, इसमें आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, मैंगनीज, जिंक, कॉपर, फोलेट और विटामिन B1 जैसे पोषक तत्व भरपूर होते हैं।
ओट्स को खाने के योग्य बनाने की प्रक्रिया भी सरल होती है। खेतों में उगाई गई जई को सुखाकर, उसका छिलका हटाया जाता है और फिर उसे रोल करके रोल्ड ओट्स, छोटे टुकड़ों में काटकर इंस्टेंट ओट्स या पीसकर ओट्स आटा तैयार किया जाता है। हल्की प्रोसेसिंग के कारण इसके पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं, जिससे यह और भी स्वास्थ्यवर्धक बन जाता है।
ओट्स के कई लाभ हैं। इसमें मौजूद बीटा-ग्लूकान फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हृदय को स्वस्थ बनाए रखता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। यह धीरे-धीरे पचता है, जिससे लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जो वजन घटाने में मददगार साबित होता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। ओट्स का फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और खनिज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, वहीं ओट्स का पेस्ट त्वचा की नमी बनाए रखने और खुजली से राहत देने में सहायक है।
ओट्स को आहार में शामिल करने के कई तरीके हैं। इसे सब्जियों और मसालों के साथ पकाकर खिचड़ी बनाई जा सकती है या दूध और ड्राई फ्रूट्स डालकर पौष्टिक दलिया तैयार किया जा सकता है। आटे में मिलाकर ओट्स से पैनकेक या इडली बनाई जा सकती है। फलों और दही के साथ स्मूदी, सब्जियों के साथ हल्का सूप और मिठाई पसंद करने वालों के लिए हेल्दी कुकीज़ भी ओट्स से बनाई जा सकती हैं।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, जई को गुरु (भारी) और मधुर रसयुक्त माना गया है। यह वात को कम करता है और शरीर को बल प्रदान करता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए यह एक उत्तम आहार है।
हालांकि, ओट्स का सेवन करते समय कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए। हमेशा ताजा और हल्का प्रोसेस्ड ओट्स का चयन करें और ज्यादा तैलीय या फ्लेवर वाले ओट्स से बचें। जिन लोगों को ग्लूटेन सेंसिटिविटी की समस्या है, उन्हें केवल ग्लूटेन-फ्री ओट्स का सेवन करना चाहिए।