क्या सोलन में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 2.24 लाख बच्चों को मिलेगी अल्बेंडाजोल की खुराक?

सारांश
Key Takeaways
- अल्बेंडाजोल से पेट के कृमियों का उपचार संभव है।
- बच्चों के लिए आयरन और विटामिन-ए की खुराक आवश्यक है।
- अभिभावकों का सहयोग महत्वपूर्ण है।
- स्वस्थ बच्चे ही स्वस्थ समाज की नींव हैं।
- समग्र विकास के लिए स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
सोलन, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान आरंभ किया गया है।
इस अभियान के तहत 2 लाख 24 हजार 712 बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली दी जाएगी, जो पेट के कृमियों को खत्म करने में सहायक होती है। जिले के 1077 स्कूलों को इस कार्यक्रम में समाहित किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय पाठक ने बताया कि पेट में उपस्थित कृमि बच्चों में खून की कमी (एनीमिया) का प्रमुख कारण होते हैं। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। अल्बेंडाजोल की गोली इन कृमियों को समाप्त कर बच्चों को स्वस्थ रखने में सहायक होती है। इसके अलावा, ‘एनीमिया मुक्त भारत’ अभियान के तहत बच्चों को सप्ताह में एक बार आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां और विटामिन-ए की खुराक भी प्रदान की जा रही है। यह बच्चों को खून की कमी और अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से बचाने में प्रभावी है।
डॉ. पाठक ने कहा कि एनीमिया के कारण बच्चों में कमजोरी, चिड़चिड़ापन, पढ़ाई में ध्यान न लगना और थकान जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे उनकी स्कूल की गतिविधियों और खेलकूद में भागीदारी भी प्रभावित होती है। उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली लेने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करें कि बच्चे आयरन और विटामिन-ए की खुराक नियमित रूप से लें।
यह अभियान बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉ. पाठक ने कहा कि स्वस्थ बच्चे ही एक स्वस्थ समाज की आधारशिला होते हैं। इसलिए, अभिभावकों और स्कूलों को इस अभियान में पूरी तरह से सहयोग करना चाहिए। इस पहल से न केवल बच्चों का स्वास्थ्य सुधरेगा, बल्कि उनकी पढ़ाई और समग्र विकास में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।