क्या श्रीलंकाई समुद्री लुटेरों ने तमिलनाडु के मछुआरों पर किया हमला?

सारांश
Key Takeaways
- श्रीलंकाई समुद्री लुटेरों का हमला गंभीर चिंता का विषय है।
- मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
- घायल मछुआरों का इलाज चल रहा है, लेकिन सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
- यह घटना न केवल मछुआरों के लिए, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- स्थानीय संघों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
चेन्नई, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के नाम्बियार नगर के मछुआरों पर श्रीलंकाई समुद्री लुटेरों ने भयानक हमला किया। यह घटना तब हुई जब वे अपनी नाव से समुद्र में मछली पकड़ने गए थे।
हमले का शिकार हुए मछुआरों में ससी कुमार, उदयशंकर, शिवशंकर, किरुबा, कमलेश, विग्नेश, विमल, सुब्रमण्यम, तिरुमुरुगन, मुरुगन और अरुण शामिल हैं।
लुटेरों ने मछुआरों पर धारदार दरांती, लोहे की रॉड और लकड़ी के डंडों से हमला किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। सबसे ज्यादा घायल हुए शिवशंकर को बाएं हाथ में गहरी चोट लगी है और उन्हें गंभीर स्थिति में तंजावुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अन्य 10 मछुआरों का उपचार नागपट्टिनम के स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
लुटेरों ने न केवल हमला किया, बल्कि मछुआरों की नाव का इंजन, जीपीएस डिवाइस, वॉकी-टॉकी, महंगे मछली पकड़ने के जाल और समुद्र से पकड़ी गई मछलियाँ भी लूट लीं।
जानकारी के अनुसार, ये समुद्री लुटेरे श्रीलंका से आए थे। जब मछुआरे मछली पकड़ रहे थे, तभी लुटेरे अचानक उनकी नाव के पास पहुँचे और हमला करने लगे।
हमले के बाद नाव पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे मछुआरों को तट तक लौटने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
यह पहली बार नहीं है कि तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंकाई समुद्री लुटेरों का शिकार होना पड़ा है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल फरवरी और अप्रैल में भी श्रीलंकाई समुद्री डाकुओं ने नागापट्टिनम के मछुआरों पर हमला किया था और उनका सामान लूट लिया था।
स्थानीय मछुआरा संघों और ग्रामीणों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और राज्य एवं केंद्र सरकार से अपील की है कि मछुआरों की सुरक्षा के लिए तुरंत कठोर कदम उठाए जाएं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।