क्या सुबह का नाश्ता आपके पूरे दिन को प्रभावित करता है? समझें 'सेकंड मील इफेक्ट' का गणित
सारांश
Key Takeaways
- नाश्ता दिन की शुरुआत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- सुबह का सही भोजन आपके पूरे दिन को प्रभावित कर सकता है।
- सेकंड मील इफेक्ट को समझना आवश्यक है।
- फाइबर और प्रोटीन युक्त नाश्ता बेहतर होता है।
- ज्यादा तेल और घी से बने खाद्य पदार्थों से बचें।
मुंबई, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पहला भोजन केवल दिन की शुरुआत नहीं करता, बल्कि यह पूरा दिन बनाने या बिगाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप डायबिटीज, पीसीओडी या वजन घटाने का प्रयास कर रहे हैं, तो यह छोटा-सा बदलाव आपके लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने नाश्ते के महत्व पर चर्चा की है। पूजा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में नाश्ते का गणित समझाया। उन्होंने बताया, “सेकंड मील इफेक्ट” यानी सुबह का भोजन केवल सुबह तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह लंच, शाम के स्नैक्स और रात के खाने में आपके ब्लड शुगर को कैसे प्रभावित करेगा, यह उसी पर निर्भर करता है।”
उन्होंने सरलता से समझाते हुए बताया, “यदि आप सुबह मीठी चीजें (जैसे ब्रेड-जैम, बिस्किट, कॉर्नफ्लेक्स, जूस) खाते हैं, तो दोपहर के भोजन के बाद आपका शुगर लेवल 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। यदि आप नाश्ता बिल्कुल छोड़ देते हैं, तो दिनभर कमजोरी, चिड़चिड़ापन और अचानक मीठा खाने की तलब लग सकती है। लेकिन यदि आप सुबह प्रोटीन और फाइबर युक्त चीजें खाते हैं, तो पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है, दिमाग शांत रहता है और भूख भी देर से लगती है।”
पूजा ने 1988 की एक रिसर्च का संदर्भ देते हुए कहा कि लो जीआई वाला नाश्ता करने से लंच के बाद ब्लड शुगर का स्पाइक लगभग 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
उन्होंने सुबह के नाश्ते के लिए उबले अंडे, हल्का ऑमलेट, दलिया, सादा दही या फल के साथ ग्रीक योगर्ट, और मूंग दाल का चीला खाने की सलाह दी है। इसके अलावा, बेसन या मिक्स दाल का पराठा, जो कम तेल में बना हो, वह भी अच्छा विकल्प है।
आम तौर पर, ज्यादा तेल-घी से बने खाद्य पदार्थ, मीठे और मैदे या सूजी से बने आइटम से बचना चाहिए, क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।