क्या ममता बनर्जी ने अवैध घुसपैठियों को संरक्षण दिया है? : सुकांता मजूमदार
सारांश
Key Takeaways
- सुकांता मजूमदार ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप।
- राज्य पुलिस की उदासीनता पर सवाल उठाए गए हैं।
- ममता बनर्जी के सांप्रदायिक तुष्टिकरण पर कटाक्ष किया गया है।
- यह मुद्दा राज्य की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती दे रहा है।
कोलकाता, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय राज्य मंत्री एवं भाजपा सांसद सुकांता मजूमदार ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार हमला किया। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कोई कदम न उठाने और उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का गंभीर आरोप लगाया।
सुकांता मजूमदार ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए दक्षिण दिनाजपुर जिले के बंसीहारी पुलिस स्टेशन में दो बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ राज्य पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाया। मजूमदार ने लिखा, "दक्षिण दिनाजपुर जिले के बंसीहारी पुलिस स्टेशन में दो बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बार-बार लिखित शिकायतें होने के बावजूद, राज्य पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है! शिकायतकर्ता ने पर्याप्त दस्तावेजी सबूत (बांग्लादेशी आरोपियों के फोटो वाले पहचान पत्र) पेश किए हैं, फिर भी पुलिस पूरी तरह से उदासीन है।"
भाजपा सांसद ने उचित कार्रवाई न करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "इसका एक ही कारण है, नाकाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सख्त निर्देश कि किसी भी अवैध घुसपैठिए के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए। देश के सच्चे नागरिकों की सुरक्षा, देश की आंतरिक सुरक्षा सब कुछ धुएं में उड़ जाता है, लेकिन ममता बनर्जी को बस अवैध घुसपैठियों के वोट चाहिए! क्योंकि ये उनकी पसंदीदा वोट बैंक हैं।"
मजूमदार, जो बालुरघाट लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और केंद्रीय शिक्षा मंत्री के रूप में भी कार्यरत हैं, ने इस विषय को सीधे ममता बनर्जी के 'सांप्रदायिक तुष्टिकरण' से जोड़ा। उनका यह बयान बंगाल-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ती घुसपैठ की घटनाओं के बीच आया है, जो राज्य की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती दे रहा है।
भाजपा यह आरोप लंबे समय से लगाती आ रही है, जहां वे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर अवैध घुसपैठ को बढ़ावा देने का इल्जाम लगाती रही है। दूसरी तरफ, टीएमसी नेताओं का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठ केंद्र की नाकामी का नतीजा है, क्योंकि सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तैनाती केंद्र के अधीन है।