क्या अजवाइन का पानी सर्दी-जुकाम में राहत का देसी नुस्खा है? घर पर ऐसे करें तैयार
सारांश
Key Takeaways
- अजवाइन का पानी सर्दी-जुकाम में राहत देता है।
- बनाने की विधि सरल और प्राकृतिक है।
- इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एक्सपेक्टोरेंट गुण होते हैं।
- सेवन से पहले सहनशीलता का परीक्षण करें।
- गर्भवती महिलाएं डॉक्टर से सलाह लें।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों में मौसम और प्रदूषण के बढ़ने से सर्दी, जुकाम और छाती में कंजेशन की समस्या आम हो जाती है। इस स्थिति में दवाओं के साथ-साथ घरेलू उपाय भी बहुत प्रभावी हो सकते हैं। इनमें से एक प्रसिद्ध और असरदार देसी नुस्खा है अजवाइन का पानी.
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय अजवाइन के पानी के गुणों के बारे में विस्तार से बताता है और इसे घर पर बनाने की विधि भी साझा करता है। यह एक सरल, प्राकृतिक और आसानी से उपलब्ध सामग्री से तैयार किया जाने वाला उपाय है, जो जुकाम और कंजेशन में तुरंत राहत प्रदान करता है।
अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एक्सपेक्टोरेंट गुण होते हैं, जो बलगम को ढीला करने और सांस की नलियों को साफ करने में सहायक होते हैं। नियमित सेवन से सांस लेने में आराम मिलता है। यह उपाय भारतीय घरों में सदियों से उपयोग किया जा रहा है, खासकर मौसमी बीमारियों के दौरान।
अजवाइन का पानी बनाने की विधि बेहद आसान है। सबसे पहले 1 कप पानी को उबालें। फिर उबलते पानी में 1 चम्मच अजवाइन डालें। इसे धीमी आंच पर 5-10 मिनट तक उबालें ताकि अजवाइन के गुण पानी में अच्छी तरह मिल जाएं। अंत में इसे छान लें और गुनगुना होने पर पी लें। दिन में 1-2 बार इसका सेवन किया जा सकता है। गुनगुने पानी में अजवाइन की खुशबू और स्वाद न केवल राहत देते हैं, बल्कि पाचन को भी बेहतर बनाते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, अजवाइन का पानी न केवल जुकाम और कंजेशन में राहत देता है, बल्कि यह इम्युनिटी को भी मजबूत करने में मददगार है। इस उपाय के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ सावधानियां भी बरतनी आवश्यक हैं। अधिक मात्रा में सेवन न करें, क्योंकि इससे पेट में जलन या एसिडिटी हो सकती है। खाली पेट लेने से पहले अपनी सहनशीलता का परीक्षण करें।
गर्भवती महिलाएं इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करें। यदि सेवन के बाद पेट में कोई परेशानी या जलन महसूस हो, तो तुरंत सेवन बंद कर दें। बच्चों को देने से पहले भी विशेषज्ञ की राय लें।