क्या तहसीन पूनावाला ने प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रशंसा की?
सारांश
Key Takeaways
- प्रियंका गांधी वाड्रा का व्यवहार संसद में प्रशंसा का विषय बना।
- तहसीन पूनावाला ने उन्हें परिपक्व नेता कहा।
- विपक्ष के नेतृत्व में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही।
- ठाकरे बंधुओं की आलोचना की गई।
- जनसरोकारों की जरूरत पर जोर दिया गया।
पुणे, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने कांग्रेस की नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा की सराहना की और उन्हें एक परिपक्व नेता के रूप में बताया।
उन्होंने शनिवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा का व्यवहार अद्भुत रहा। जिस तरह से उन्होंने पूरे विपक्षी खेमे का नेतृत्व संसद में किया, उसे देखकर कांग्रेस के सभी नेताओं का हृदय मंत्रमुग्ध हो गया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि विपक्ष की तरफ से संसद में किसी भी प्रकार की अशोभनीय स्थिति पैदा न हो। प्रियंका गांधी वाड्रा ने सभी संवैधानिक पदों पर विराजमान लोगों को सम्मान दिया। उन्होंने सम्मान में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की।
तहसीन पूनावाला ने बताया कि संसद में वो दृश्य मनमोहन था, जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने बहुत ही शालीनता के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलने का अनुरोध किया। प्रियंका गांधी ने बहुत ही परिपक्व और शोभनीय व्यवहार किया। इसके लिए उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग चाय पर चर्चा के दौरान भी प्रियंका गांधी वाड्रा का व्यवहार काफी संजीदा और परिपक्व रहा। चौतरफा उनकी प्रशंसा की जा रही है। ऐसी स्थिति में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि नेता प्रतिपक्ष की कमान प्रियंका गांधी को सौंपी जानी चाहिए। वह इस पद के लिए बेहद ही उपयुक्त दावेदार हैं।
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद के शीतकालीन सत्र में बेहद ही मजबूती के साथ जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों का जिक्र किया। हमें पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में प्रियंका गांधी वाड्रा इसी तरह से जनहित से जुड़े मुद्दों का जिक्र करते हुए लोकतंत्र को मजबूती दिलाने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान देती रहेंगी।
इसके अलावा, उन्होंने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ठाकरे बंधु मराठी और मुस्लिम दोनों ही समुदायों के लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। ये लोग इतने सालों तक सत्ता में रहे। आखिर विकास के लिए क्या किया? आज की तारीख में बीएमसी के सानिध्य से संचालित हो रही स्कूलों और अस्पतालों की दुर्दशा देख लीजिए। यह किसी से छुपी नहीं है। ठाकरे बंधुओं के बच्चों को कुछ भी होता है, तो ये लोग महंगे अस्पतालों में चले जाते हैं, लेकिन आज की तारीख में बड़ा सवाल यही है कि महाराष्ट्र की गरीब जनता का क्या होगा?
उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने ही मुस्लिम समुदाय के वोट को छीनने की कोशिश की थी। ये लोग किसी के भी सगे नहीं हैं। अगर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से इन दोनों को निमंत्रण मिल जाए कि हम आप लोगों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने जा रहे हैं, तो ये लोग फौरन चले जाएंगे। मैं एक बात दावे के साथ कह सकता हूं कि ये लोग किसी के भी सगे नहीं हैं। ये सिर्फ अपना राजनीतिक फायदा देखते हैं। इसके अलावा और कुछ भी नहीं। ठाकरे बंधु ना ही मुस्लिम समुदाय के हैं और ना ही मराठी समुदाय के।