क्या बीजद सांसद सुलता देव ने दुर्गापुर घटना की निंदा की और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाया?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि
- सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार की नाकामी
- उत्पीड़न अस्वीकार्य है
- मनोविज्ञान में बदलाव की आवश्यकता
- कड़ा कदम उठाने की जरूरत
भुवनेश्वर, १२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बीजू जनता दल (बीजद) की सांसद सुलता देव ने दुर्गापुर में एक ओड़िया लड़की के साथ हुई गैंगरेप की घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे शर्मनाक और दुखद बताया।
सांसद ने कहा कि चाहे वह ओड़िया, गुजराती हो या किसी अन्य राज्य की महिला, हर एक महिला देवी दुर्गा का स्वरूप है। इस तरह का उत्पीड़न, छेड़छाड़ और दुष्कर्म अस्वीकृत और अमानवीय है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि दुर्गापुर में ओड़िया लड़की सुरक्षित नहीं है, तो क्या हम यह कह सकते हैं कि लड़कियां कहीं भी सुरक्षित हैं, यहां तक कि ओडिशा में भी? यह घटना उस स्थान को दर्शाती है जहां कथित तौर पर दस लोगों ने एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। ये घटनाएं अलग-थलग नहीं हैं, बल्कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा देशभर में आम होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि जब महिलाओं की रक्षा करने वाले ही शोषक बन जाएं, तो हम क्या उम्मीद कर सकते हैं? यहां तक कि भाजपा कार्यकर्ताओं का भी नाम ऐसे जघन्य अपराधों में आ रहा है। अब 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा कहां है?
सुलता देव ने आगे कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वास्तविक कार्रवाई नहीं हो रही। एनसीआरबी की रिपोर्टों से पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, विशेषकर उन राज्यों में जहां डबल-इंजन की सरकारें हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अब भी अपराधियों को सजा नहीं दी गई, तो और लोग भी ऐसे अपराध करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
उन्होंने कहा कि आज देश में महिलाएं, बच्चे और छात्र सुरक्षित नहीं हैं। यह सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है। जब तक मानसिकता में बदलाव नहीं आएगा और अपराधियों के खिलाफ कड़ा कदम नहीं उठाया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएं जारी रहेंगी और देश की प्रतिष्ठा को कलंकित करती रहेंगी।