क्या 'सुल्तानगंज' का नाम बदलकर 'अजगैबीनाथ धाम' करने की मांग तेज हो गई है?

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क्या 'सुल्तानगंज' का नाम बदलकर 'अजगैबीनाथ धाम' करने की मांग तेज हो गई है?

सारांश

भागलपुर जिले के सुल्तानगंज का नाम बदलकर 'अजगैबीनाथ धाम' करने की मांग अब न केवल धार्मिक भावना है, बल्कि एक बड़ा आंदोलन बन चुका है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। क्या यह पहल बिहार की धार्मिक विरासत को पुनर्जीवित करेगी?

Key Takeaways

  • नाम परिवर्तन का प्रस्ताव नगर परिषद द्वारा पारित किया गया है।
  • स्थानीय जनप्रतिनिधियों और संतों का समर्थन बढ़ रहा है।
  • यह स्थल गंगा के पुनर्जन्म से जुड़ा हुआ है।
  • नाम परिवर्तन एक सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन का हिस्सा है।
  • यह बिहार की धार्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास है।

भागलपुर, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के भागलपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल सुल्तानगंज का नाम बदलकर 'अजगैबीनाथ धाम' करने की मांग अब जोर पकड़ चुकी है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, संतों, नागरिकों और व्यवसायियों का समर्थन इस मांग के लिए लगातार बढ़ रहा है। पिछले वर्ष 19 जून को सुल्तानगंज नगर परिषद की सामान्य बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर बिहार सरकार और मुख्यमंत्री को भेजा गया था।

नाम परिवर्तन की इस मांग के पीछे एक गहरा धार्मिक और ऐतिहासिक संदर्भ है। मान्यता है कि यही वह भूमि है, जहां से गंगा के पुनर्जन्म की कथा शुरू होती है। जब राजा भगीरथ गंगा को स्वर्ग से धरती पर लाकर अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के प्रयास कर रहे थे, तब गंगा की धारा ने जाह्नवी मुनि की तपस्या को भंग कर दिया था। गुस्साए मुनि ने गंगा को अपने कमंडल में समेट लिया, लेकिन भगीरथ की प्रार्थना पर उन्होंने गंगा को छोड़ दिया। तभी से गंगा को 'जाह्नवी' नाम भी मिला। इसी स्थान पर अजगैबीनाथ महादेव मंदिर स्थित है, जहां आज भी धनुष-बाण लिए शिव की प्रतिमा प्रतिष्ठित है। यह पवित्र स्थल उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे स्थित है और श्रावण मास में लाखों शिवभक्त यहां आकर डुबकी लगाते हैं।

बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी इस नाम परिवर्तन के समर्थन में बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे बसी यह पवित्र नगरी प्राचीन काल में 'अजगैबीनाथ धाम' के नाम से जानी जाती थी। मुगल काल में इसका नाम सुल्तानगंज कर दिया गया था, जिसे अब फिर से बदलने की आवश्यकता है।

नगर परिषद के वार्ड पार्षद कृष्ण कुमार ने इस मुद्दे पर सबसे पहले आवाज़ उठाई और कहा कि यह एक धार्मिक स्थल है, इसका नाम सुल्तानगंज नहीं बल्कि 'अजगैबीनाथ धाम' होना चाहिए। हमने प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेज दिया है। अब विभाग को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

अजगैबीनाथ मंदिर के महंत और मुख्य पुजारी प्रेमानंद गिरी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि हम लोग पिछले चार-पांच वर्षों से प्रयासरत हैं कि इस पवित्र स्थल का नाम पुनः 'अजगैबीनाथ धाम' रखा जाए। अब यह मांग एक आंदोलन का रूप ले चुकी है। नगर परिषद ने प्रस्ताव भेज दिया है और लगभग 50 फीसदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शेष भी जल्द पूरा होगा। लोग अब अपने दुकानों और घरों के बैनरों पर 'अजगैबीनाथ धाम' लिखना शुरू कर चुके हैं। हम भी बाबा से प्रार्थना करते हैं कि यह कार्य संपन्न हो।

स्थानीय कांवर विक्रेता विनोद दुबे ने भी नाम परिवर्तन का समर्थन करते हुए कहा कि यहां की उत्तरवाहिनी गंगा और अजगैबीनाथ महादेव का स्थान बेहद पवित्र है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। गंगा में स्नान कर भक्त बोल बम का नारा लगाते हुए देवघर की ओर प्रस्थान करते हैं। ऐसे पवित्र स्थान का नाम 'सुल्तानगंज' नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे 'अजगैबीनाथ धाम' कहा जाना चाहिए।

लोगों का मानना है कि मुगल काल में कई धार्मिक स्थलों के नाम बदले गए थे। अब जब देश के विभिन्न राज्यों- जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया हो रही है, तो बिहार के इस प्राचीन तीर्थस्थल के साथ भी न्याय होना चाहिए।

सुल्तानगंज का नाम बदलकर अजगैबीनाथ धाम करने की मांग अब न केवल एक धार्मिक भावना है, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन बन चुकी है। नगर परिषद का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास है और यदि यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है, तो यह बिहार की धार्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।

Point of View

यह साफ है कि सुल्तानगंज का नाम बदलने की मांग केवल धार्मिक भावना का मामला नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। जब हम विभिन्न राज्यों में नाम परिवर्तन की प्रक्रियाओं को देख रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि बिहार के इस प्राचीन तीर्थस्थल के साथ भी न्याय हो।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

सुल्तानगंज का नाम क्यों बदलने की मांग की जा रही है?
सुल्तानगंज का नाम बदलकर 'अजगैबीनाथ धाम' करने की मांग धार्मिक और ऐतिहासिक संदर्भों के कारण की जा रही है। यह स्थान गंगा के पुनर्जन्म की कथा से जुड़ा है।
क्या इस मांग का समर्थन स्थानीय नेताओं ने किया है?
हां, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, संतों और व्यवसायियों का इस मांग के लिए समर्थन बढ़ रहा है।
क्या नगर परिषद ने इस प्रस्ताव पर कोई कार्यवाही की है?
जी हां, नगर परिषद ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित कर राज्य सरकार को भेजा है।
इस स्थल का धार्मिक महत्व क्या है?
यह स्थल उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे स्थित है और श्रावण मास में लाखों शिवभक्त यहां आते हैं।
क्या इस नाम परिवर्तन से बिहार की धार्मिक विरासत को कोई लाभ मिलेगा?
जी हां, यदि यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है, तो यह बिहार की धार्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।