क्या सुनील सिंह ने चुनाव आयोग से सच में कहा, 'आप ईमानदारी से मतगणना कराइए'?
सारांश
Key Takeaways
- ईमानदारी से मतगणना का महत्त्व
- आम जनता की जागरूकता
- धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठाना
- बिहार चुनाव के परिणाम का महत्व
- स्थानीय मुद्दों का ध्यान रखना
पटना, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के बाद, सभी की निगाहें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर हैं। इससे पहले, विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए एग्जिट पोल में एक बार फिर से एनडीए सरकार बनने की संभावना जताई गई है। इस बीच, राजद के नेता सुनील कुमार सिंह ने चुनाव आयोग और प्रशासन को एक स्पष्ट चुनौती दी है। उन्होंने सभी एग्जिट पोल को खारिज करते हुए कहा कि इस बार आम जनता जागरूक है और किसी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुनील कुमार सिंह ने चुनाव आयोग से कहा, "किसी रिटायर्ड और थके हुए व्यक्ति के लिए कार्य मत कीजिए। आप ईमानदारी से काम करें। आप ईमानदारी से मतगणना करें। जो दूध का दूध है और पानी का पानी है, उसके लिए कार्य करें।" उन्होंने अधिकारियों से कहा, "आप गाइडेड मिसाइल मत बनिए। यदि ऐसा करते हैं, तो बिहार की सड़कों पर कल नेपाल, बांग्लादेश, और श्रीलंका जैसा दृश्य देखने को मिल सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "आप धोखाधड़ी से लंबे समय तक कार्य नहीं कर सकते। वोट चुरा कर आप लंबे समय तक गद्दी पर नहीं बैठ सकते हैं। यह पूरे जनता की आवाज है। सभी का कहना है कि धोखाधड़ी से बनी सरकार हमें नहीं चाहिए। पलायनमहिलाओं पर अत्याचार करने वाली सरकार नहीं चाहिए। किसानों का शोषण करने वाली सरकार नहीं चाहिए। हमें केवल तेजस्वी सरकार चाहिए।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मंगलवार को 122 सीटों के लिए मतदान हुआ था। इससे पहले 6 नवंबर को पहले चरण में 121 सीटों पर वोट डाले गए थे। मतगणना 14 नवंबर को होगी। मतगणना की सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मतदान के बाद विभिन्न एग्जिट पोल के आंकड़ों में एनडीए को बढ़त दिखाई गई है।
हालांकि, एग्जिट पोल अंतिम परिणाम नहीं हैं। बिहार में किसकी सरकार बनेगी, यह 14 नवंबर को ही स्पष्ट होगा। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। यहाँ सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 122 है। प्रदेश में इस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और राजद के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच माना जा रहा है।