क्या सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की रिहाई न्याय की जीत है?

सारांश
Key Takeaways
- इरफान सोलंकी की रिहाई ने न्याय की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
- समर्थकों की संख्या ने इस मामले की राजनीतिक महत्ता को दर्शाया।
- हाईकोर्ट से मिली जमानत ने उनके लिए राहत का काम किया।
लखनऊ, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को मंगलवार को जेल से रिहा किया गया। रिहाई के बाद, उन्होंने सबसे पहले अपने परिवार से मिलकर सभी को गले लगाया और कहा कि यह न्याय की जीत है।
रिहाई के पल अत्यंत भावुक थे। जैसे ही इरफान जेल से बाहर आए, उनकी पत्नी नसीम और बच्चे उनकी ओर दौड़ पड़े। इरफान ने सभी को गले लगाया और पत्नी से अपने प्यार का इजहार किया। कार में बैठी नसीम ने भी इरफान को अपनी ओर बुलाते हुए स्नेह व्यक्त किया।
जेल के बाहर उनके समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे। रिहाई मिलते ही, समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी की और फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। इरफान ने सभी समर्थकों का धन्यवाद किया।
उनकी रिहाई इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद संभव हो सकी। फिलहाल, वह महाराजगंज जेल से अपने आवास कानपुर की ओर काफिले के साथ रवाना हो गए हैं।
कानपुर की सीसामऊ सीट से विधायक रहे इरफान पर आगजनी, प्लॉट कब्जाने, रंगदारी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने जैसे कई आरोप लगे थे। इनमें उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी। केवल गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में उनकी रिहाई लंबित थी।
दिसंबर 2022 में जाजमऊ थाने में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक की तहरीर पर यह मुकदमा दर्ज हुआ था। हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद, देर शाम मंगलवार को जेल के दरवाजे उनके लिए खुल गए।
22 दिसंबर 2022 को प्रशासनिक आधार पर इरफान सोलंकी को कानपुर जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच महाराजगंज जिला कारागार स्थानांतरित किया गया था। वर्तमान में वे केवल गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मुकदमे में निरुद्ध थे। हाईकोर्ट ने इरफान, उनके भाई रिजवान सोलंकी और एक अन्य आरोपी को जमानत प्रदान की है।