क्या नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक केपटाउन सोसायटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत की?

सारांश
Key Takeaways
- एनजीटी के नियमों का पालन आवश्यक है।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए।
- प्राधिकरण की कार्रवाई से अन्य सोसायतियों को भी सीख मिल सकती है।
नोएडा, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा प्राधिकरण इस समय उन सोसायटियों की लगातार निगरानी कर रहा है जो एनजीटी के नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। जुर्माना लगाने के साथ-साथ संबंधित थाने में शिकायतें भी दर्ज की जा रही हैं। इसी क्रम में, नोएडा प्राधिकरण की पर्यावरण सेल ने सेक्टर-74 में स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसायटी का निरीक्षण किया, जिसमें पर्यावरणीय नियमों का गंभीर उल्लंघन पाया गया।
27 जून को किए गए स्थलीय निरीक्षण में यह सामने आया कि सोसायटी में मौजूद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को सही तरीके से संचालित नहीं किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, अनट्रीटेड सीवेज सीधे खुले नालों में डाला जा रहा है, जिससे न केवल भूमिगत जल स्रोतों में प्रदूषण बढ़ रहा है, बल्कि जन स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे हैं।
इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के प्रबंधक ने थाना सेक्टर-113 में एक शिकायत दायर की है, जिसमें सोसायटी के पदाधिकारियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 272 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। यह धारा उन पर लगाई जाती है जो किसी गंभीर बीमारी के संक्रमण को फैलाने का खतरा रखते हैं। इसके लिए उन्हें दो वर्ष तक की सजा, जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि सुपरटेक केपटाउन सोसायटी द्वारा सार्वजनिक धन से बने बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिससे न केवल स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ रहे हैं, बल्कि सरकारी राजस्व को भी नुकसान हो रहा है।
प्राधिकरण ने पहले ही पर्यावरण उल्लंघन के कारण 35,80,000 का जुर्माना लगाया है। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस संबंध में समय-समय पर जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद, सोसायटी प्रशासन की लापरवाही जारी है। प्राधिकरण ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित सोसायटी के पदाधिकारियों के खिलाफ तत्काल उचित धाराओं में कार्रवाई की जाए और एफआईआर दर्ज कर पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित किया जाए।