क्या सुप्रीम कोर्ट आज बिहार मतदाता सूची संशोधन पर सुनवाई फिर से शुरू करेगा?

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क्या सुप्रीम कोर्ट आज बिहार मतदाता सूची संशोधन पर सुनवाई फिर से शुरू करेगा?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट आज बिहार की मतदाता सूची में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगा। इस मामले में चुनाव आयोग के द्वारा 65 लाख नामों के गायब होने का मुद्दा उठाया गया है। क्या यह सुनवाई बिहार के मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लाएगी? जानिए इस महत्वपूर्ण समाचार के बारे में।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट आज महत्वपूर्ण सुनवाई करेगा।
  • चुनाव आयोग ने 65 लाख नामों के गायब होने की पुष्टि की है।
  • छूटे हुए नामों की सूची डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर्स की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
  • मतदाता पहचान के लिए आधार कार्ड का उपयोग कर सकते हैं।
  • एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को बिहार राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई को फिर से प्रारंभ करेगा।

भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी किए गए मसौदा मतदाता सूची में लगभग 65 लाख नामों के गायब होने की चिंताओं ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है।

गुरुवार को चुनाव आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने छूटे हुए नामों के प्रकटीकरण के संबंध में न्यायालय के अंतरिम निर्देशों का पूर्ण पालन किया है। मसौदा मतदाता सूची से बाहर रखे गए सभी 65 लाख व्यक्तियों की बूथवार सूची बिहार के सभी 38 जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) की आधिकारिक वेबसाइटों पर अपलोड कर दी गई है।

चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) और बूथ स्तरीय सहायकों (बीएलए) को ये सूचियां मुहैया कराई गई हैं, ताकि वे लोगों को इस विषय में समझने में सहायता कर सकें। वे 24 जून, 2025 के एसआईआर आदेश में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार दावे, आपत्तियां या सुधार के अनुरोध दायर करने में भी व्यक्तियों की सहायता करेंगे।

न्यायालय द्वारा पारदर्शिता और जन-सम्पर्क पर दिए गए जोर के उत्तर में, चुनाव निकाय ने कहा कि एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान समाचार पत्रों, रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जिनमें जिला निर्वाचन अधिकारियों के आधिकारिक हैंडल भी शामिल हैं, का उपयोग करके नागरिकों को छूटी हुई मतदाता सूची की ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्धता के बारे में सूचित करता है।

चुनाव आयोग ने प्रभावित मतदाताओं को निर्देश दिया है कि यदि उन्हें ऐसा लगता है कि उनके नाम गलत तरीके से हटा दिए गए हैं, तो वे अपने दावे वैध पहचान प्रमाण, जैसे आधार कार्ड, के साथ प्रस्तुत करें।

Point of View

यह मामला न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के चुनावी प्रक्रिया पर प्रभाव डाल सकता है। यह आवश्यक है कि सभी मतदाता अपनी पहचान को सही तरीके से प्रस्तुत करें और चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी को ध्यान में रखें। इस स्थिति में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का होना बहुत महत्वपूर्ण है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

बिहार मतदाता सूची में 65 लाख नाम गायब क्यों हैं?
यह समस्या चुनाव आयोग द्वारा जारी मसौदा मतदाता सूची में नामों के अद्यतन के कारण उत्पन्न हुई है।
चुनाव आयोग ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
चुनाव आयोग ने छूटे हुए नामों की सूची को जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट पर अपलोड किया है।