क्या महा नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है?: कृष्णा हेगड़े

सारांश
Key Takeaways
- महा नगरपालिका चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू होगा।
- नए वार्ड बंटवारे के आधार पर चुनाव होंगे।
- चुनाव आयोग को चार हफ्तों में प्रक्रिया पूरी करनी है।
- मतदाता सूची में नाम दर्ज करने की सुविधा एक अगस्त तक है।
- राम मंदिर भूमि पूजन की सालगिरह पर गर्व का विषय।
मुंबई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र की सभी महा नगरपालिकाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव का रास्ता अब स्पष्ट हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि इन चुनावों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किया जाएगा और नई प्रभाग रचना (वार्ड बंटवारा) के आधार पर ही चुनाव कराए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा कि कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि महा नगरपालिकाओं में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव होंगे। यह महायुति सरकार की भी मंशा थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह चार हफ्तों में चुनाव प्रक्रिया की तैयारी पूरी करे। सभी राजनीतिक दल चुनाव आयोग के साथ सहयोग करेंगे ताकि यह प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग का दायित्व है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हो। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जो भी नागरिक एक अगस्त तक मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना चाहता है, वह ऐसा कर सकता है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी योग्य मतदाता का नाम सूची से छूटे नहीं और जिनका निधन हो चुका है या जो क्षेत्र छोड़ चुके हैं, उनके नाम हटाए जाएं। चुनाव आयोग की प्राथमिकता है कि मतदाता सूची पूरी तरह सही हो।
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ मामले पर उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन खुद रूस से व्यापार करते हैं, उस पर कोई रोक नहीं लगाई गई। यह भारत की आर्थिक प्रगति को रोकने की एक साजिश है। अच्छी बात है कि विपक्ष और सरकार दोनों इस मुद्दे पर एकजुट हैं। हमें उम्मीद है कि अमेरिका जल्द टैरिफ हटाएगा और भारत के नेताओं से बातचीत कर समाधान निकलेगा। मेरा मानना है कि रूस के साथ व्यापार जारी रहना चाहिए क्योंकि यह हमारे हित में है।
राम मंदिर भूमि पूजन की पांचवीं सालगिरह पर कृष्णा हेगड़े ने कहा कि साल 2020 में राम मंदिर का भूमि पूजन होना गर्व की बात थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई गणमान्य व्यक्ति, संत, अभिनेता, खिलाड़ी और सभी धर्मों के धर्मगुरु वहां उपस्थित थे। लेकिन, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव अब तक रामलला के दर्शन को नहीं गए, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। राम मंदिर निर्माण शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का सपना था और आज उनका सपना साकार होना गर्व का विषय है।