क्या सोनम वांगचुक की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टली?
सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की हिरासत पर सुनवाई टली।
- गीतांजलि अंगमो ने उनकी हिरासत को अवैध बताया।
- अगली सुनवाई 7 जनवरी 2026 को होगी।
- लद्दाख में हिंसा पर प्रशासन ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया।
- यह मामला मानवाधिकारों के लिए एक नया मोड़ हो सकता है।
नई दिल्ली, १५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत के खिलाफ उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई स्थगित कर दी गई। अब यह मामला ७ जनवरी, २०२६ को सुनवाई के लिए आएगा।
गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत वांगचुक की हिरासत को अवैध बताया है। याचिका में यह उल्लेख किया गया है कि उनके पति को किसी ठोस आधार के बिना हिरासत में रखा गया है। इसे उन्होंने कानून के दुरुपयोग और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन भी कहा है।
पिछली सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी किया था और उनसे याचिका पर अपना जवाब देने को कहा था।
अंगमो ने अपनी नई याचिका में कहा है कि डिटेंशन ऑर्डर बिना उचित विचार-विमर्श के पारित किया गया था और एनएसए के तहत आवश्यक प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का पालन नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने जल्दीबाजी में काम किया और वांगचुक को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया।
गौरतलब है कि लद्दाख में २४ सितंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मृत्यु हो गई थी। यह हिंसा लेह में लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई। लगभग ९० लोग इस हिंसा में घायल हुए थे। इसके बाद, २६ सितंबर को सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद उन्हें राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में भेजा गया। इसके अलावा, प्रशासन ने चार लोगों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है, जबकि स्थानीय लोगों ने न्यायिक जांच की मांग की है।